बेटी है तो कल है : सांसद प्रतिनिधि
आज भी बालिकाएं ,अपने हक के लिए लड़ रही है, चांद तक पहुँच चुकी दुनिया में बालिकाओं की खिलखिलाहट आज भी उपेक्षित है, अपनी खिलखिलाहट से सभी को खुशी देने वाली लड़कियाँ आज भी खुद अपनी ही खुशी से महरूम है, गरीबी और रुढ़िओ के चलते लड़कियों को विद्यालय नहीं भेजा जाता, लाख प्रतिभा शाली होने के बावजूद ऊंच शिक्षा नहीं प्राप्त कर सकती है, कम उम्र में ही लड़कियों की शादी कर दी जाती है।
उक्त बातेसांसद जयंत सिन्हा जी के चौपारण पश्चिमी मंडल के सांसद प्रतिनिधि मुकुंद साव ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर चौपारण प्रेस क्लब कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कहा। उन्होंने कहा कि बेटी है तो कल है, इसलिए सरकार ने भी नारा दिया है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, परंतु लोगों में अभी भी जागरूकता की जरूरत है, अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस विश्व भर में पहली बार 11अक्तूबर 2012 को मनाया गया था।
इस अवसर पर चौपारण वासियों से सांसद प्रतिनिधि सह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम और प्रेस क्लब के संरक्षक मुकुंद साव ने अनुरोध किया है कि बेटी को बेटा की तरह सम्मान दे, बेटी को पढ़ाए बेटी बचाए, कार्यक्रम में रीता देवी,अनीता देवी, पूर्णिमा देवी, संगीता देवी, सुनीता देवी, विमला देवी, सरस्वती देवी मंजू देवी सहित कई बहने शामिल थी।

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