झरिया मास्टर प्लान को कोयला मंत्रालय के एजेंडा डॉक्यूमेंट 2021-22 में प्राथमिकता
धनबाद । कोयला मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए एक एजेंडा दस्तावेज तैयार किया है।उक्त दस्तावेज में झरिया मास्टर प्लान (भूमिगत आग प्रभावित क्षेत्र का पुनर्वास) को प्रमुखता से शामिल किया गया है। झरिया मास्टर प्लान सहित कोकिंग कोल भी उक्त एजेंडा डॉक्यूमेंट का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सभी कोयला कंपनियों को भेजा गया है। समय-समय पर इसकी समीक्षा स्वयं कोयला मंत्री करेंगे।
बताया गया कि कोयला क्षेत्र में सुधार, भविष्य की योजनाओं आदि को भी इसमें शामिल किया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित निगरानी कु भी हिदायत दी गई है।
2024 तक एक बिलियन टन सहित निर्धारित उत्पादन लक्ष्य सुनिश्चित करने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोयला क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करने पर जोर है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जिन विषयों को एजेंडा डॉक्यूमेंट में तरजीह दी गई है उनमें नियामक सुधार (अन्वेषण), कोयला को लाभकारी बनाना, कोयला खदानों में सुरक्षा, कोकिंग कोल रणनीति, विपणन सुधार, कोयला मूल्य निर्धारण सुधार, भूमि अधिग्रहण में सुधार, सौर ऊर्जा परियोजनाएँ शामिल हैं।
इसके अलावा कोयला डिस्पैच और स्टॉकिंग, पड़ोसी देशों में कोयला निर्यात और नीलामी के माध्यम से आवंटित खदानों के कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने की रणनीति भी है। सतत विकास के साथ-साथ कोयला खनन के बाद खाली जमीन, ड्रोन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग और स्थिरता (शुद्ध शून्य उत्सर्जन), कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ), कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) में सुधार, कोयला परीक्षण प्रयोगशाला का उन्नयन और कर्मचारियों की गुणवत्ता और प्रशिक्षण के मुद्दे शामिल हैं।
फ्यूचरिस्टिक एजेंडा में कोल टू केमिकल, सिन गैस, हाइड्रोजन गैस, लिक्विड फ्यूल, केमिकल और फर्टिलाइजर्स शामिल है। कोल इंडिया अपने कारोबार में विविधता लाए यानि कोयला से इतर उद्योगों में सक्रियता की योजना भी शामिल है.

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