मंदिर तोड़ नहीं पायी, दूसरे रैयत की जमीन पर किया जा रहा है कब्जा, रैयत ने किया दावा, शैलेंद्र बाबू की टीम वापस लौटी
धनबाद/ कतरास । तिलताड में वर्षों पुरानी मंदिर को तोड़ने पहुँची एनएचएआई व भारी संख्या में पुलिस बल को विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने कहा पहले मंदिर बना दीजिये फिर उसे तोड़िये। इसके बाद प्रशासन पीछे हट गयी. अपने से घिरता देख एनएचएआई ने जमीन देने पर मंदिर बनाने का शिगूफा छोड़ दिया। अभी रात 10 बजे एनएचएआई के आउट सॉर्स में रखे शैलेंद्र कुमार अपनी टीम के साथ पहुँचे।
रैयत जमीन का दावा करने वाले भटमुड़ना निवासी उमेश दसौंधी ने कहा कि मेरे जमीन पर जबरन मंदिर का निर्माण कराने लगे। रैयत उमेश दसौंधी ने आरोप लगाया की मेरी जमीन पर इतनी रात को जबरन शैलेंद्र कुमार मंदिर बनाने का प्रयास कर रहे है। जब उन्हें बोलने जाते है, तो वह चुप हो जाते है। आखिर इतनी रात को जमीन पर काम करने का क्या तुक है। शैलेंद्र कुमार पहले हमलोगों से वार्ता करें। फिर आगे कुछ करें। मेरी जमीन पर मंदिर को बना देना क्या यह न्याय संगत है। विरोध को देखते हुए शैलेन्द्र कुमार और उनकी टीम वापस लौट गयी।
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