भाग निकला इम्पेक्स पॉवर प्लांट का ठेकेदार, मज़दूर न रहा घर का न घाट
काकल्याणेश्वरी। कल्याणेश्वरी कोदोभीटा स्थित इम्पेक्स फैरो एंड पावर प्लांट का विवाद से चोली दामन का रिश्ता रहा है, जो कभी खत्म होने का नाम ही नहीं लेता, प्रदूषण का विवाद अभी थमा ही नहीं था कि इम्पेक्स कंपनी के अधीन कार्यरत ठेका कंपनी एसआर टर्बो अपने 104 मजदूर और श्रमिकों को अनाथ बना रफूचक्कर हो गए, ठेकेदार के भागते ही अब इम्पेक्स कंपनी ने भी सभी से नाता तोड़ लिया है, अलबत्ता बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश से आए इन सभी मज़दूरों पर ‘ना घर के ना घाट के’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। सोमवार को सभी कर्मचारियों को कारखाना में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिसके बाद सभी ने एकजुट होकर मुख्य द्वार पर ही बकाया भुगतान के लिए प्रदर्शन किया। इधर सूचना पाकर पहुँचे चौरंगी पुलिस ने सभी को समझा-बुझाकर प्रबंधन से वार्ता के लिए तैयार किया किन्तु वार्ता विफल रही।
मामले को लेकर कर्मचारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि इम्पेक्स प्रबंधन के पास ठेकेदार का दो माह का बकाया है, तत्काल उसी से मज़दूरों का एक माह का भुगतान कर दिया जाय नहीं तो हमलोग भूखें मर जायेंगे, कारखाना में प्रवेश नहीं कर पाने के कारण सभी लोग सुबह से भूखे पेट है, जबकि ठेकेदार भाग जाने के कारण मकान मालिकों ने भी घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने कहा कि इम्पेक्स प्रबंधन ने ठेकेदार(एसआर टर्बो) ऑपरेशन एन्ड मेंटेनेंस के मालिक आरपी सिंह, एचआर आलोक सिंह, दिग्विजय सिंह, मानवेन्द्र सिंह एवं मनोज कुमार राठौड़ सहयोग कर भगाया है, चुकी प्रबंधन को पहले ही सूचना मिल चुकी थी किन्तु मज़दूरों से क्यों छुपाया गया? आज हम सभी 104 मज़दूर दर दर की ठोकर खाने पर विवश हैं, जेब में इतना भी पैसा नहीं कि घर लौट सकें, अगर जल्द ही कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो हमलोग आत्महत्या करने पर विवश हो जाएँगे।

Copyright protected
पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View
अवैध कोयला खनन ने ली युवक की जान, ईसीएल अधिकारी बेखबर: चरणपुर ओसीपी में हादसा
Quick View
झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें
Quick View

