कोरोना वायरस के कारण थम चुके रियल इस्टेट में बंगलुरु में हालात सुधरे
बेंगलुरु में रियल स्टेट के अच्छे कंपनियों की मांगे बढ़ी।
कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण इंडियन रियल एस्टेट सेक्टर में भुचाल सा आ गया है। पहले से ही मंदी की मार झेल रहा यह सेक्टर अब आने वाले दिनों में और भी इन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। रियल एस्टेट एडवाइजरी फर्म “एनरॉक की रिपोर्ट के अनुसार देश के 7 बड़े महानगरों में घरों की बिक्री में 35 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। जिसमें दिल्ली एनसीआर के इलाकों के अलावा पुणे, हैदराबाद और बेंगलूरू भी शामिल हैै एनरॉक ने इस बात की जानकारी दी कि डिमांड कम होने के कारण इन महानगरों की प्रॉपर्टी में भी भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। राजधानी दिल्ली और एनसीआर यानि गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, कोलकाता ,दुर्गापुर आसनसोल का इलाके में कभी रियल एस्टेट का बड़ा बूम हुआ करता था वो महामंदी की चेपट में आ गया है।” लाखों की संख्या में फ्लैट तैयार है वहीं दूसरी ओर लाखों की संख्या में पीजी एवं भाड़े पर चलने वाली मकान आदि खाली पड़ी है।
लेकिन रियल स्टेट के क्षेत्र में बेंगलुरु में विशेष कर बड़े एवं क्वालिटी पर सशक्त कंपनियों के सेल में प्रगति हुई है । हजारों की तादाद में घर नुमा फ्लैट, पीजी व जहाँ मकान मालिक के मुँह मांगे भाड़े देकर लोग रहते थे। आज स्थिति बदल गई है, वर्क फ्रॉम होम के तहत जॉब करने वाले लोग ऐसे विषम स्थिति में भी घर बैठे धन संग्रह करने में समर्थ हुए हैं। अपने पैतृक गाँव में रहकर तमाम तरह के बेफिजूल खर्च एवं बेंगलुरु जैसे मंहगे शहर का खर्च बचाकर, अब वह भाड़े के घरों में रहना पसंद नहीं कर रहे हैं।अपने अनुरूप विशेषकर अच्छे अपार्टमेंट में फ्लैट खरीद रहे हैं । अच्छे अपार्टमेन्ट में सभी बजट व डिमांड के अनुरूप यहाँ की कंपनियां फ्लैट का निर्माण कर रही है ।रानीगंज के छात्र व कर्म वीर एवं बंगलुरु के सुप्रसिद्ध रियल स्टेट के क्षेत्र एवं फ्लैट निर्माता सालारपुरिया सत्त्वआं ग्रुप के चेयरमैन विजय अग्रवाल ने बताया कि पिछले वर्ष के तुलना में अधिक फ्लैट की बिक्री हुई है। मांगे बढ़ रही है। हमने डिमांड के अनुरूप फ्लैट का निर्माण किया है। आज 30 से 35 प्रोजेक्ट वर्तमान में चल रही है।

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