यूनियनों के संयुक्त मोर्चा द्वारा वेतन पुनरीक्षण के सवाल पर भारतीय जीवन बीमा निगम में द्वार प्रदर्शन
धनबाद । सभी एलआइसी कार्यालय के द्वार पर यूनियनों के संयुक्त मोर्चा द्वारा वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर द्वार प्रदर्शन किया गया।
एलआइसी और जीआइसी में वेतन पुनरीक्षण 01.08. 2017 से देय है। लेकिन अभी तक एल आई सी और जी आई सी में वेतन पुनरीक्षण नहीं किया गया है। इसके चलते एल आई सी और जी आई सी में कार्यरत कर्मियों में काफी आक्रोश है। आज के प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि वेतन पुनरीक्षण हमारा अधिकार है। सरकार वेतन पुनरीक्षण में देरी करके मजदूरों के अधिकारों पर हमले कर रही है। निगम की प्रगति में निगम के कार्यबल का महत्त्वपूर्ण योगदान है। विगत अवधि में एल आई सी ने जबर्दस्त वृद्धि दर्ज किया। एल आई सी की वृद्धि दर देश की जिडीपी से बहुत ही अधिक है।
एल आई सी देश को प्रतिवर्ष 3 से 4 लाख करोड़ रुपये सरकार को निवेश के लिए उपलब्ध कराती है। विगत वर्ष 2019-20 में एल आई सी ने 379062.56 करोड़ रुपये की प्रीमियम आय अर्जित कर 12.54%की वृद्धि दर्ज की है। एल आई सी ने 32 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का निर्माण किया है। एल आई सी ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत सरकार को लाभांश के रूप में 2697.74 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। ऐसे संस्थान के कर्मियों का वेतन पुनरीक्षण में विलंब करना अन्यायपूर्ण है। वक्ताओं ने सरकार से मांग की कि वेतन पुनरीक्षण अच्छा करे और अविलंब करे।
सभा में ये बताया गया कि एल आई सी में आई पी व लाने और बीमा क्षेत्र में एफ डी आई 49% से 74 % करने के खिलाफ तथा वेतन पुनरीक्षण के लिए आगामी 8 और 15 मार्च को द्वार प्रदर्शन होगा तथा 18 मार्च को एल आई सी में देश भर में एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी। आज एक प्रदर्शन धनबाद जिले के सभी एल आई सी ऑफिस में किया गया।
प्रदर्शन में सुनील मिश्र, आनंद मोहन झा, अमिताभ वर्मा, संजय कश्यप, सुनील सिन्हा, दीपक सिंह, कुमार गुलशन, संजय झा, नीरज कुमार ,वसुरेश कुमार अमित कुमार, देवाशीष चौधरी कैलाश दास, वीरेंद्र बारात, अमरजीत राजवंशी ,अलगू प्रसाद सहित अनेक साथियों का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा।
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