सरकारी भवनों में बच्चे उठा रहे हैं बोझ, बाल श्रम कानून की उड़ाई जा रही धज्जियां
धनबाद। जिले में खुलेआम बाल श्रम की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। किसी कारखाने या होटल में नहीं बल्कि सरकारी दफ्तरों में बच्चों से काम करवाया जा रहा है। ईंटीवी की पड़ताल में यह बात सामने आई है।
बच्चों के जिन कंधों पर किताब से भरी बैग होनी चाहिए थी, वह अपने माथे पर भारी भरकम बोझ उठाए हुए हैं। यह वो सरकारी भवन है। जहाँ से जिले सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का वितरण किया जाता है। रांची से यहाँ पहुँचने वाली दवाओं को स्टॉक किया जाता है। जिसके बाद अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर वितरण किया जाता है। सदर अस्पताल के ठीक बगल में यह भंडारण गृह है। रांची से यहाँ पहुँचने वाली दवाओं की खेप को बच्चों से ढुलवाकर स्टोर के अंदर रखा जाता है। दवाओं के भारी भरकम कार्टन माथे पर ढोकर स्टोर के अंदर ले जा रहे बच्चों ने कहा कि लॉकडाउन से स्कूल बंद है इसलिए यहाँ आकर काम करते हैं।
इस संबंध में स्टोर के इंचार्ज ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह जवाबदेही मेरी नहीं है। इसके लिए ट्रांसपोर्टर जिम्मेदार है। वहीं श्रम अधीक्षक प्रवीण कुमार ने इस पूरे मामले पर कहा कि जाँच के बाद विभागीय दवा दल स्टोर में छापेमारी कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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