आठवें दिन खदान में फंसे एक मजदूर का शव बरामद, मुआवजे के लिए हंगामा, तोड़-फोड़ का भी आरोप
धनबाद। ईसीएल खुदिया कोलियरी में फंसे दो मजदूर में से एक मजदूर को तलाशने में आखिरकार आठवें दिन रेस्क्यू टीम को सफलता मिली। टीम ने शव बाहर निकाल लिया। इधर गुपचुप तरीके से उसका शव ले जाने का विरोध करते हुए परिजनों ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि परिजनों ने तोड़फोड़ भी की। परिजनों का आक्रोश देख कर्मी शव छोड़कर भाग खड़े हुए।
दरअसल, शव मिलने की खबर पर घटनास्थल के आसपास गहमागहमी शुरू हो गई थी। बीते दिन करीब 2 बजे से ईसीएल मुगमा एरिया महाप्रबंधक बीसी सिंह इंक्लाइन के अंदर गए हुए थे। वे इंक्लाइन से 7 घंटे बाद करीब 9 बजे निकले और सीधे अपनी गाड़ी पर बैठ चले गए। सभी को लगा कि अभी शव निकलने में वक्त लगेगा लेकिन उनके जाने के आधे घंटे बाद ही खुदिया कोलियरी प्रबंधक ने बिजली कट करा दी। इसके बाद खदान में फंसे एक मजदूर माणिक बाउरी का शव एंबुलेंस में रखने लगे। इस बीच जानकारी पर परिजनों ने हंगामा कर दिया. इस पर कर्मचारी शव छोड़कर भाग गए। इसके बाद परिजनों ने प्रबंधक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
शव निकलने की सूचना पर निरसा सीओ एमएन मंसूरी, निरसा एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा कोलियरी पहुँचे। जहाँ उन्होंने मजदूरों के परिजनों और यूनियन के लोगों को समझाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि मजदूरों के परिजनों को जो मिलना है वो तो उन्हें मिलेगा ही लेकिन इसके पहले जो कानूनी प्रक्रिया है उसे पूरा होने दें। अभी तक आपलोगों का भरपूर सहयोग मिला है लेकिन लोग इसे मानने को तैयार नहीं थे। परिजनों की मांग थी कि पहले ईसीएल प्रबंधन मुआवजा तय करे उसके बाद ही शव को कानूनी प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा।
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