छह दिनों तक पड़ी रही लाश, परिजनों ने मुंह फेरी, लोगों ने चंदा इकट्ठा कर दाह संस्कार किया
रिश्तो को शर्मसार करने वाली बहुत ही दुःखद मामला लोयाबाद के लोग भी हतप्रभ है। छह दिनों से सगी बहन की लाश पड़ी रहने के बाद भी परिजनों का दिल नहीं पिघला न ही कोई ससुरालसे वाले भी आगे नहीं आये । आपस में चन्दा इकट्ठा कर सामाजिक लोगों ने दाह संस्कार का इंतजाम किया।
लोयाबाद कोलियरी में टेलीफोन ऑपरेटर के पद से सेवामुक्त हुई डोली सिन्हा की मृत्यु 28 अक्टूबर को पीएमसीएच में हो गई।
6 दिनों से लाश पड़ी होने की ख़बर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई । जबकि मृतका का आज भी पूरा परिवार है। भाई व भैंसुर सहित रिश्तेदारों ने लाश लेने से मना कर दिया।
लोयाबाद अस्पताल में मृतका की गोतनी आज भी काम करती है।पुटकी नया ड्रिप में भग्ना रहता है। पिछले सोमवार से लाश पीएमसीएच पड़ा हुआ है, पर किसी का दिल नहीं पिघला।
चन्दा इकट्ठा कर दाह संस्कार किया गया
आखिरकार लोयाबाद में सामाजिक लोगों ने लाश की अंतिम संस्कार के लिए आगे आये। आपस में चन्दा इकट्ठा कर धनबाद के विष्णु नामक एक व्यक्ति को दिया है ताकि मृतका डोली का दाह संस्कार हो सके। बाद में शनिवार शाम तक मटकुरिया घाट पर मृतिका का दाह संस्कार कर दिया गया।
लोयाबाद 9 नंबर में मृतका का भाई सिन्हा ने कहा कि हमसे कोई रिश्ता नहीं है। ससुराल वाले से रिश्ता रखी वे लोग करे। उधर ससुराल पक्ष के रिश्ते भैंसुर माणिक घोष ने कहा कि हम अभी कोलकाता में है। उसका भाई तपन से बात कीजिए।
परिवार वालों की इस हरकत पर तमाम लोग अचंभित हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि मृतिका एकड़ा में किराए के एक मकान में रहती थी । पति मई घोष की मौत पहले हो चुकी है। डोली बीमार पड़ी तो किसी ने पीएमसीएच में एडमिट कर दिया इलाज के दौरान वह मर गई।
हालंकि यह भी कहा जा रहा है कि एकड़ा का ही कोई व्यक्ति है जिनके पास डोली का एटीएम पासबुक है। डोली का पेंशन का पैसा निकाला करता था। चन्दा इकट्ठा करने वालों में सोमेन घोष,राणा प्रताप चौहान राजू नोनिया आदि थे।

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