मानसिक विक्षिप्त को कल्यानेश्वरी पुलिस ने परिजनों से मिलवाया
कल्याणेश्वरी। अपने विक्षिप्त पुत्र की तलाश में दर-दर भटक रहे परिजनों को आखिरकार तीन महीने बाद कल्याणेश्वरी पुलिस की सहयोग से अपना पुत्र मिला । परिजन कागजी कार्यवाही के बाद अपने पुत्र को इलाज के लिए काके रांची ले गए।
घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि विगत दो दिन पूर्व कल्याणेश्वरी पुलिस ने चोरी की संदेह में एक युवक को हिरासत में लिया था। जो मंदिर की निकट से किसी की साईकिल लेकर लेफ्ट बैंक पहुँच गया था, चोर-चोर की हल्ला होने पर युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
घटना के बाद से ही युवक फांड़ी में अनाप शनाप बाके जा रहा था। जिससे पुलिस को यकीन हो चुका था कि युवक विक्षिप्त है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कल्याणेश्वरी फांड़ी प्रभारी अमरनाथ दास ने गंभीरता से लिया और उनके परिजनों की तलाश शुरू कर दी।
बोलचाल की भाषा और उसके द्वारा बताए गए कुछ संभावित ठिकानों से पुलिस निरंतर संपर्क करते रहे जो अंधेरे में तीर के सामान थी। अंत में कल्याणेश्वरी पुलिस की फोन बिहार के जिला रोहतास अंतर्गत बिक्रमगंज थाना पहुँचा किन्तु वहाँ गुमसुदगी का कोई भी मामला दर्ज नहीं किया गया था।
विक्रमगंज पुलिस ने बताया कि रविशंकर राम (35) नामक युवक तीन-चार माह पूर्व उड़ीसा से बरामद किया गया था। संभवतः यह युवक है। बिक्रमगंज पुलिस ने आनन फानन में गुमसुदगी का मामला दर्ज कर परिजनों को कल्याणेश्वरी भेज दिया।
घटना के संदर्भ में रविशंकर राम के पिता रामनारायण राम ने बताया कि उनका चार पुत्र में सबसे बड़ा पुत्र रविशंकर है जो छत्तीसगढ़ के रायगंज में स्टील प्लांट में कार्य करता था। बहुत दिनों से मानसिक विक्षिप होने के कारण रांची में उसका इलाज चल रहा था। रविशंकर पहले भी घर से भाग चुका है। रविशंकर का 3 पुत्र , पुत्री और पत्नी है । परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है।
कल्याणेश्वरी फांड़ी प्रभारी ने परिजनों को एक हजार रुपए सहयोग राशि देकर रविशंकर तथा परिजनों का सत्यापन कर उन्हें भेज दिया और रविशंकर के इलाज कराने को कहा।
परिजनों ने कहा आज पुलिस के इस करुणामयी रूप को देखकर बंगाल के प्रति मन में और भी आदर सम्मान बढ़ गयी है। पुलिस के सहयोग से ही आज मेरा खोया पुत्र पुनः मिला।
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