बाबा साहब को नहीं जानने वालों को दी गयी जानकारी
अधिकार और कर्तव्य के लिये शिक्षा जरूरी
मिहिजाम। रविवार को रूपनारायणपुर संलग्न जेमारी में हिन्द छात्र संघ द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती मनाई गई। समारोह में मुख्य अतिथि आरटीआइ एक्टीविस्ट डॉ० चंद्रशेखर दत्ता रहे। साहित्यकार पारो सैव्लिनी तथा शिक्षक सँजित कुमार विशेष अतिथि रहे। आयोजित समारोह में आसपास के गाँवों के लोगों ने भी हिस्सा लिया।
डॉ० दत्ता ने बाबा साहेब के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहेब का पूरा जीवन संघर्ष के बीच गुजरा। जातिय भेदभाव की वजह से उन्हें शुरूआती शिक्षा कक्षा के बाहर बैठकर पूरी करनी पड़ी।
बाबा साहेब का एक ही मूल मंत्र था शिक्षित बनो-संघर्ष करो व संगठित रहो । वे हमेशा ही शिक्षा के महत्त्व पर जोर देते थे। वे कहते थे कि शिक्षा वह हथियार है जिसके आगे तमाम बड़े हथियार भी बेकार है। इस हथियार की धार इतनी तेज है कि उससे किसी पर भी तीक्ष्ण प्रहार किया जा सकता है।
शिक्षा के बिना किसी भी समाज का उद्धार नहीं हो सकता। हमें अपने मतभेद भुलाकर बाबा साहेब जैसे महापुरुषों के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए तभी हम समाज को नई दिशा दे पाएंगे।
डॉ० दत्ता ने कहा कि राजनीतिक शक्ति ही एकमात्र ऐसी जादुई चाभी है जिससे सफलता के हर ताले खुलते हैं। बाबा साहब की ही देन है कि मिनिमम वेजेज ऐक्ट तथा इंडस्ट्रियल निगोसीएबल ऐक्ट बनाया गया है।
शिक्षक सँजित कुमार तांती, साहित्यकार पारो शैव्लिनी, रूपनारायणपुर हिन्दुस्तान केबलस सहायक डाकघर के डाक सहायक कृष्णा दास शर्मा, अर्चना किरण, संगीता कुमारी, सबिता कुमारी, देवशीष बाऊरी, कृतिवाश बाऊरी, बापन मंडल, दीपांकर बाऊरी, दारा सिंह सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने बाबा साहब की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
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