भारतीय रेल पर एलआईसी का डेढ़ लाख करोड़ का ऋण, तीन साल से ब्याज भी नहीं
नेशनल फेडरेशन ऑफ इन्शुरन्स फील्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया का 12वी डिविजनल कॉउंसिल मीट सम्पन्न ।
सालानपुर। नेशनल फेडरेशन ऑफ इन्शुरन्स फील्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया के तत्वाधान में आसनसोल डिवीजन एलआईसी फील्ड वर्कर्स एसोसिएशन के दो दिवसीय 12वी डिवीसीनल मीट शानिवार को रूपनारायणपुर स्थित एक निजी सभागगर सम्पन्न किया गया। दो दिवसीय पूर्वी संभाग सत्र में सर्व प्रथम अधिकारियों द्वारा संगठन का झंडात्तोलन के साथ हीशहीदवेदी पर माल्यर्पण किया गया।
संगठन पूर्वी जोनल अध्यक्ष तापस बरण चंद्र, साधारण सचिव सुनील वरण रॉय, आसनसोल संभागीय अध्यक्ष देवाशीष भट्टाचार्य, व संभागीय साधारण सचिव सुदीप कुमार लाहड़ी ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम की तत्काल परिस्थितियों पर प्रकाश डाला गया। जहाँ वक्ताओं ने केंद्रीय सरकार नीति के कारण भारत के सबसे पुरानी बीमा कंपनी को हो रही निरंतर गिरावट को उजागर किया गया।
51% आईडीबीआई का शेयर एलआईसी द्वारा ख़रीदे जाने का विरोध
संगठन पूर्वी जोनल अध्यक्ष तापस बरण चंद्र ने कहा सरकार की नीति के कारण ही भारतीय रेल को डेढ़ लाख करोड़ का ऋण बिना ब्याज के ही तीन साल के लिए दे दिया गया, फलस्वरूप भारतीय जीवन बीमा निगम को 8.5% ब्याज नुकसान हो रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भारतीय जीवन बीमा निगम रीढ़ की हड्डी समान है। किंतु दिन प्रतिदिन सरकारी नीति के कारण भारतीय जीवन बीमा निगम को घाटा का सामना करना पड़ रहा है। अब् दूसरी नीति द्वारा आईडीबीआई बैंक का 51% शेयर खरीदने जा रही है। जो एलआईसी के लिए जोखिम भरा होगा साथ ही संगठन इसके लिए वृहद आंदोलन भी करेगी।
18% जीएसटी और सर्विस टैक्स के कारण एलआईसी को भारी हानि टूट रहे हैं ग्राहक
उन्होंने बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम 11 लाख एजेंट और 1 लाख 15 हजार कर्मचारी और 32 करोड़ पॉलिसी धारक है। और पूरे विश्व में 99.38% क्लेम का रिकॉर्ड है। किंतु 18% जीएसटी और सर्विस टैक्स के कारण ग्राहक अब् एलआईसी से मुँह मोड़ने लगे है। जो एलआईसी के लिए अच्छे संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि एसबीआई, बैंकिंग, पोस्टल, तथा निजी बीमा कंपनी की प्रीमियम और इन्वेस्ट जीएसटी मुक्त है फिर एलआईसी के साथ सौतेला व्यवहार क्यो?
निजी बीमा कंपनियों पर सरकारी मेहरबानी को लेकर कर्मचारी नाराज
उन्होंने सरकारी नीति का विरोध करते हुए कहा कि सरकारी तंत्र निजी बीमा कंपनियों को बढ़ावा दे रही है फलतः एलआईसी अब् अंधकार की बाढ़ रही है। जिसके कारण कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को भी निरंतर बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही राष्ट्रीय पर केंद्रीय कमिटी की बैठक बड़ोदा में होने जा रही है। जहाँ भारतीय जीवन बीमा निगम और कर्मचारियों की भविष्य को लेकर मंथन किया जाएगा।
मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद सदस्य मो० अरमान, कैलाशपति मंडल, भोला सिंह, जे पी सिंह समेत सैकड़ों एलआईसी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।पूर्वी संभाग पश्चिम बर्धमान, पुरुलिया और बांकुड़ा डिप्लोपमेंट के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की
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