अधिकारियो की लापरवाही और उप-स्वास्थ्य केंद बना खंडहर
उप-स्वास्थ्य केंद्र बना शोभा की वस्तु
सालानपुर -सलानपुर ब्लॉक देन्दुआ ग्राम पंचायत अंतर्गत बांसकटिया उप स्वास्थ्य केंद्र ही इन दिनों बीमार है, लाखों रुपये कि लागत से बनी अब इस भवन की मुख्य द्वार पर ताला लगा है, जो आज भी चिकित्सक की बाट जोह रही है| बॉसकटिया, बथानबाड़ी, धनुडीह, सीधाबाड़ी समेत होदला गाँव को मरहम लगाने के लिए बनी यह उप स्वास्थ्य केंद्र को ही आज मरहम की आवश्यकता है| ग्रामीण धोना सोरेन बताते है कि एक वर्ष पूर्व यहाँ चिकित्सकों का आना-जाना लगा रहता था| जिससे यहाँ आस-पास स्थित पाँच छह गाँव के लगभग सात हजार की आबादी को चिकित्सा और दवाई उपलब्ध हो जाती थी, किन्तु एक वर्ष से बंद रहने के कारण उप स्वास्थ्य केंद्र अब शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है|
ग्रामीण चिकित्सकीय सेवा से वंचित
ग्रामीण मनोज हासदा ने बताया कि यहाँ के अधिकांश लोग गरीब है, सुदूर ग्रामीण इलाका होने के कारण विषम परिस्थितियों में लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तय कर पिठाक्यारी स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है| सरकार द्वारा इतने रुपये खर्च करने के बाद भी लोगों को चिकित्सा सेवा नहीं मिल पाना अधिकारियों की निष्क्रियता को उजागर करती है| कुछ महिलाओं ने बताया कि अब उप-स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ पल्स पोलियो ही खिलाया जाता है| मामले को लेकर आस-पास के लोगों में भारी रोष व्याप्त है|
कीमती दवाएं फेंक दी जाती है
उप-स्वास्थ्य केंद्र के केयर टेकर ने बताया यहाँ चिकित्सक ही नहीं आते है ऐसे में उप स्वास्थ्य केंद्र को खोलकर क्या लाभ होगा अब मैं सोशल वर्कर की तरह यहाँ काम करता हूँ, मुझे इसके लिए कोई भी तनख्वाह नहीं मिलती है| उप स्वास्थ्य केंद्र में बिजली भी नहीं है, सुपरवाईजर सिक्खा चटर्जी महीने में यहाँ एक बार आती है| जबकि डॉ० अमरेश मांझी पहले यहाँ आते थे| उन्होंने कहा कि आवश्यकता के हिसाब से दवाई यहाँ लायी जाती है और ख़राब हो जाने के बाद उसे फेंक दिया जाता है| ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी पैसे से खरीदी गयी दवा आज किसकी लापरवाही से बर्बाद हो रही है| मामले को लेकर बीएमओएच डॉ० सुब्रतो सिट ने बताया कि महीने में एक बार ही खोलने का नियम है, और यहाँ बच्चों को वेक्सिन,टिका आदि दिया जाता है, रही बात इलाज की तो इसके लिए पिठाक्यारी स्वास्थ्य केंद्र है| बतातें चले की सालानपुर ब्लॉक में ऐसे दर्जनों उप स्वास्थ्य केंद्र है जो आज अनदेखी और लापरवाही के कारण बंद पड़ी है, ऐसे में अधिकांश भवन अब जर्जर होने की कगार पर खड़ी है, अलबत्ता जल्द ही इनकी देख रेख व् चिकित्सक बहाल नहीं कि गयी तो उप स्वास्थ्य केंद्र प्राचीन खंडहर में तब्दील हो जाएगी|
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