कोयला और बालू तस्करी पर ED का ‘महा-प्रहार’: बंगाल और झारखंड के 44 ठिकानों पर रेड, 14 करोड़ से अधिक कैश और जेवरात बरामद
रानीगंज/कोलकाता/धनबाद:(संवाददाता: गुलज़ार खान) कोयला और बालू तस्करी के काले कारोबार पर केंद्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक की सबसे बड़ी चोट की है। शुक्रवार को पश्चिम बंगाल और झारखंड में एक साथ हुई इस कार्रवाई ने तस्करी के सिंडिकेट में हड़कंप मचा दिया है। करीब 17 घंटे तक चली मैराथन छापेमारी में ईडी ने कुल 14 करोड़ से अधिक रुपये की नकदी और जेवरात बरामद किए हैं, साथ ही भारी मात्रा में डिजिटल और ठोस दस्तावेज जब्त किए हैं जो आने वाले दिनों में कई बड़े नामों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
1. ऑपरेशन ‘ब्लैक फ्राइडे’: 250 अधिकारी और 44 ठिकाने
शुक्रवार की सुबह 6 बजे, जब लोग नींद से जाग रहे थे, तब ED के लगभग 250 अधिकारियों की एक विशाल टीम ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर एक सुनियोजित ऑपरेशन को अंजाम दिया।
कुल ठिकाने: 44 (पश्चिम बंगाल में 26 और झारखंड में 18)।
बरामदगी का ब्यौरा: कुल 14 से अधिक (नकदी + जेवरात)।
पश्चिम बंगाल: लगभग 7 करोड़ रुपये।
झारखंड: लगभग 2 करोड़ से अधिक रुपये।
समय: सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक (कुछ जगहों पर देर रात तक)।
2. पश्चिम बंगाल: दुर्गापुर और कोलकाता बने केंद्र
पश्चिम बंगाल में छापेमारी का मुख्य केंद्र दुर्गापुर और कोलकाता रहा, जहां से सबसे बड़ी बरामदगी हुई है।
दुर्गापुर में 9 ठिकानों पर दबिश: औद्योगिक नगरी दुर्गापुर के शालारपुरिया अपार्टमेंट, सिटी सेंटर की डॉक्टर कॉलोनी, मधुसूदन पथ, विधाननगर सेक्टर-2, सेपको टाउनशिप और सेंट्रल पार्क जैसे पॉश इलाकों में देर रात तक तलाशी ली गई।
इन नामों पर कसा शिकंजा: ईडी के रडार पर नारायण खड़का, सुशांत गोस्वामी, चिन्मय मंडल, अनिमेष माजी, रामधनी जायसवाल, राजकिशोर यादव और युधिष्ठिर घोष जैसे रसूखदार लोग रहे।
डिजिटल सुराग: विधाननगर सेक्टर-2 में चिन्मय मंडल और अनिमेष माजी के घर व दफ्तर से भारी मात्रा में डिजिटल डाटा और दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग की कड़ियों को जोड़ सकते हैं।
रानीगंज और आसनसोल: आसनसोल के डीबूडीही चेकपोस्ट और रानीगंज में चिन्मय मंडल के ऑफिस से ट्रांसपोर्टिंग के अहम कागजात जब्त किए गए हैं।
बड़ी खबर: कोलकाता के सॉल्टलेक और ईएम बाईपास स्थित सिल्वर स्क्रीन अपार्टमेंट से करोड़ों रुपये नकद और सोने के जेवरात मिलने की पुष्टि हुई है।
3. सुंदर भालोटिया को मिली ‘क्लीन चिट’?
इस पूरी कार्रवाई के बीच एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। रानीगंज में चिन्मय मंडल के व्यावसायिक पार्टनर सुंदर भालोटिया के आवास पर भी ED पहुंची थी। लेकिन, मात्र दो घंटे की जांच के बाद ईडी ने यहां कार्रवाई समाप्त कर दी।
जीरो रिकवरी: ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर दिव्येंदु मान ने सुंदर भालोटिया को ‘जीरो रिकवरी’ और ‘सीज सर्टिफिकेट’ थमाया। यानी उनके पास से न तो कोई आपत्तिजनक दस्तावेज मिला और न ही कोई बरामदगी हुई। इतनी बड़ी रेड में यह एक दुर्लभ ‘नील रिकवरी’ (Nil Recovery) का मामला रहा।
4. झारखंड: कुत्तों ने रोका रास्ता, फिर भी नहीं बचे कारोबारी
झारखंड के धनबाद और दुमका में 18 ठिकानों पर हुई छापेमारी में काफी ड्रामा देखने को मिला।
कुत्तों का हमला: धनबाद में एल.बी. सिंह के आवास पर जब ईडी की टीम पहुंची, तो पालतू कुत्तों को अधिकारियों के पीछे छोड़ दिया गया। करीब आधे घंटे तक ईडी के अधिकारी घर के बाहर ही रहे। बाद में सुरक्षा बलों की मदद से टीम अंदर घुसी और तलाशी शुरू की।
इन पर हुई कार्रवाई: एल.बी. सिंह के अलावा कुंभनाथ सिंह, दीपक पोद्दार, अनिल गोयल, संजय खेमका, चिरकुंडा के विनोद महतो, रमेश गोप और दुमका के अमर मंडल के ठिकानों से नकदी और संदेहप्रद दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
5. पुरुलिया में कोक ओवन प्लांट पर नजर
जांच की आंच पुरुलिया जिले तक भी पहुंची। यहां डूमरा इलाके की दो कोकिंग कोल फैक्ट्रियों—रघुनाथपुर के प्रकाश कोक इंडस्ट्री और रुकनी इलाके के ज्वाला कोक प्राइवेट लिमिटेड—में भी गहन तलाशी ली गई।
6. अब आगे क्या? क्या बजेगी गिरफ्तारी की घंटी?
सूत्रों के अनुसार, कोयला और बालू घोटाले में एक नई एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई है।
समन की तैयारी: जब्त किए गए डिजिटल दस्तावेजों और डायरियों के आधार पर ईडी अब संदिग्धों को ‘जवाबी समन’ (Summons) भेजने की तैयारी में है।
गिरफ्तारी की तलवार: 9 करोड़ से अधिक की बरामदगी यह साबित करती है कि मामला बेहद गंभीर है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पूछताछ के बाद कितने बड़े नाम सलाखों के पीछे जाते हैं।
फिलहाल, ईडी मुख्यालय में जब्त दस्तावेजों का विश्लेषण शुरू हो चुका है और आने वाले दिनों में कुछ बड़ी गिरफ्तारियां संभव हैं।

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