सीएलडब्ल्यू में ‘अनाधिकृत’ क्लबों पर गिरेगी गाज: 16 क्लबों को ध्वस्त करने का अंतिम आदेश, मजदूर संगठनों में गहरा आक्रोश
चित्तरंजन। चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) रेलवे शहर में अनाधिकृत संरचनाओं के खिलाफ ध्वस्तीकरण अभियान एक बार फिर तेज़ हो गया है। रेलवे प्रशासन ने शहर के केंद्र में स्थित 16 क्लबों को ध्वस्त करने के लिए अंतिम आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके चलते स्थानीय निवासियों और विभिन्न मजदूर संगठनों में गहरी चिंता और आक्रोश व्याप्त है।
रेलवे द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह बड़ा बेदखली अभियान 18 नवंबर को चलाया जाएगा। अधिकारियों ने बीते 1 और 8 नवंबर को अंतिम अधिसूचना प्रकाशित कर इन अनाधिकृत संरचनाओं के संचालकों को इन्हें स्वयं हटाने का अवसर दिया था।
नोटिस में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि यदि 18 नवंबर से पहले इन क्लबों को नहीं हटाया जाता है, तो रेलवे कानूनी उपायों और इंजीनियरिंग विभाग की मदद से इन क्लब हाउसों को ध्वस्त कर देगा। ध्वस्तीकरण के दायरे में आने वाले सभी क्लब हाउसों पर नोटिस भी चिपका दिए गए हैं।
मजदूर संगठनों ने किया कड़ा विरोध: ‘शहर को उजाड़ा जा रहा है’
रेलवे के इस फैसले का मजदूर संगठनों ने कड़ा विरोध किया है।
सीएलडब्ल्यू श्रमिक संगठन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने रेलवे पर “चित्तरंजन को सुनियोजित तरीके से उजाड़ने” का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये क्लब लंबे समय से सामाजिक जिम्मेदारियों और सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र रहे हैं, जो क्षेत्र के लोगों में आपसी संवाद और सद्भाव बनाए रखते हैं।
गुप्ता ने यह भी बताया कि परमानेंट नेगोशिएशन मशीनरी (पीएनएम) की बैठक में इन क्लबों को न तोड़ने का एजेंडा रखा गया था, लेकिन महाप्रबंधक ने इस मामले को रेलवे बोर्ड के निर्णय पर टाल दिया था।
आईएनटीटीयू नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि रेलवे कर्मचारी इन क्लबों का उपयोग खेलकूद, किताबें पढ़ने और मेल-जोल के लिए करते थे। उन्होंने कहा, “अब रेलवे उन सभी अवसरों को भी खत्म कर रहा है।”
अनाधिकृत निर्माण पर रेलवे की सख्त कार्यवाही
दूसरी तरफ, बीते कई महीनों में अनाधिकृत निर्माणों पर रेलवे की लगातार कार्यवाही ने यह साफ कर दिया है कि शहर में कोई भी अनाधिकृत निर्माण नहीं रहने दिया जाएगा। रेलवे प्रशासन की सख्ती यह दर्शाती है कि सभी सरकारी भूमि का उपयोग नियमानुसार ही होना चाहिए।
अब सभी की निगाहें 18 नवंबर पर टिकी हैं कि क्या मजदूर संगठन रेलवे के इस कदम को रोकने में सफल हो पाते हैं या फिर 16 क्लब हाउसों का ध्वस्तीकरण अभियान निर्धारित तिथि पर आगे बढ़ता है।

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