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किस्मत की छत टपकी पर नहीं डिगा हौसला! फेरीवाले के बेटे ने CA बनकर बदला परिवार का मुक़द्दर

कुल्टी (गुलज़ार ख़ान): गरीबी और कठोर संघर्ष के बीच पले-बढ़े एक बेटे ने अपनी मेहनत से न केवल खुद का, बल्कि पूरे परिवार का भाग्य बदल दिया है। सीतारामपुर विश्वकर्मा नगर के आदर्श प्रसाद ने 3 तारीख को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की परीक्षा पास करके अपने फेरीवाले पिता दुर्गेश प्रसाद का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

आदर्श की यह सफलता अल्लामा इक़बाल के मशहूर शेर को चरितार्थ करती है:

“खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।”

 

“अब दुनिया मुझे आदर्श का पिता कहेगी”

दुर्गेश प्रसाद का घर आज भी बाँस के सहारे छत टीका हुआ है और बरसात में पानी टपकता है। अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लक्ष्य के साथ, वह रोज़ सुबह कंधे पर जिम्मेवारी का बड़ा बैग लादकर धनबाद सहित कई इलाकों में कपड़े की फेरी लगाने निकल जाते थे। बेटे की इस बड़ी सफलता पर पिता दुर्गेश प्रसाद ने भावुक होते हुए कहा:

“एक पिता के लिए इस से बड़ी ख़ुशी और क्या होगी कि एक फेरी वाला का पुत्र अफ़सर बन जाए। अब दुनिया मुझे आदर्श का पिता कहेगी।”

 

पिता का यह कथन उनकी वर्षों की तपस्या और बलिदान की जीत को बयां करता है।

बेटे ने कहा- ‘अब हमारी बारी है कर्ज चुकाने की’

आदर्श प्रसाद ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया और आने वाले कल के लिए अपना संकल्प व्यक्त किया।

आदर्श ने कहा:

“पूरे परिवार का योगदान रहा है। पिता ने गरीबी का घूँट स्वयं पीकर हमलोगों को हर ख़ुशी देने का प्रयास किया। अब समय के साथ हालात भी बदलेंगे, और अब हमलोगों की बारी है, माता-पिता के कर्ज को चुकाने की।”

 

आदर्श के एक भाई और एक बहन भी हैं जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

संघर्ष की मिसाल

आदर्श की यह उपलब्धि उन लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल है जो अभावों के कारण बड़े सपने देखने से कतराते हैं। दुर्गेश प्रसाद का हौसला और जज़्बा सराहनीय है, जिन्होंने खुद को श्रमिकों की तरह मेहनत की आग में झोंक कर भी बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा सुनिश्चित की।

परिवार और आस-पास के लोग अब आदर्श प्रसाद की कड़ी मेहनत की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं। परिजनों का मानना है कि अब दुखों से भरा दिन बीत चुका है और उनके घर में खुशियों का नया सवेरा हुआ है।

 

Last updated: नवम्बर 7th, 2025 by Guljar Khan
Guljar Khan
Correspondent : Salanpur/Chittranjan/Barabani (Pashchim Bardhman: West Bengal)
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