welcome to the India's fastest growing news network Monday Morning news Network
.....
Join us to be part of us
यदि पेज खुलने में कोई परेशानी हो रही हो तो कृपया अपना ब्राउज़र या ऐप का कैची क्लियर करें या उसे रीसेट कर लें
1st time loading takes few seconds. minimum 20 K/s network speed rquired for smooth running
Click here for slow connection


मेरी बात “आज की दोस्ती मतलब की यारी ” ( माचिस तो यूँ ही बदनाम हैँ किसी को जलाने के लिए मेरे तेवर ही काफी हैँ ) @ अरुण कुमार लेखक सह पत्रकार

मेरी बात — “आज के दोस्त मतलब के यार “( माचिस तो यूँ ही बदनाम हैँ जलाने के लिए मेरे तेवर ही काफी हैँ ) == आज का यह टॉपिक ” D ” फॉर दोस्ती कई मायनों में खास है और खास हो भी क्यों ना क्योंकि ज़ब बात दोस्त और दोस्तों की आती हैँ तो सबसे पहले हमारे जेहन में एक सच्चे और एक अच्छे दोस्त की छवि अवश्य ही उभर आती हैँ और वहीँ आज अगर सच्चाई से पूछा जाए तो वाकई में एक सच्चे और अच्छे दोस्त का आकाल सा पड़ गया हैँ मानो ऐसा ही लगता हैँ जो की एक कड़वी सच्चाई भी हैं जबकि आज के दोस्त मतलब के यार ही हैँ क्योंकि उन्हें सिर्फ अपने मतलब से ही मतलब जो रहता हैँ जबकि एक दौर हम सारे दोस्तों का हुआ करता था जब सबके सब दोस्त बाहर से लेकर घर तक दोस्ती की परम्परा को जो निभाते थे उस समय दोस्त के माँ और बाप अपने माँ बाप की तरह लगते थे और उनका व्यवहार भी एक माँ बाप की तरह ही होता था अगर ये कहा जाए की दोनों दोस्त की फैमिली भी एक साथ परिवार की तरह ही एक दूसरे से मिला जुला करते थे किन्तु आज ठीक इसके विपरीत समय आन पड़ी हैँ ज़ब वहीँ दोस्त टाइम टू टाइम के साथ बदल से जो गए हैँ अब के दोस्त की कथनी और करनी में काफी फर्क आ गया हैँ जो की एक कड़वा सच हैँ वहीँ मतलब निकल जाने के बाद वही दोस्त किसी दुश्मन की तरह व्यवहार करने में जरा सा भी परहेज नहीं करते हैँ मेरी अंतरात्मा इस बात की गवाही नहीं देती हैँ कि दोस्ती केवल पैसे से ही हो अन्यथा दोस्त का मतलब ही बेमतलब सा हो जाता हैँ तभी तो आज के समय में मेरा एक ही कहना हैँ कि ” माचिस तो यूँ ही बदनाम हुआ पड़ा हैँ जलाने के लिए मेरे तेवर ही काफी हैँ ” दोस्तों की परिभाषा ऐसी हो की लोग एकदूसरे का मिशाल दे और दोस्ती ऐसी निभानी चाहिए की दोस्ती बेमिसाल हो जाए किन्तु कहाँ और किधर आज के दोस्त निभा पा रहे हैँ या निभाना चाहते हैँ कुलमिलाकर एक बात तो यहाँ साफ हो जाती हैँ कि दोस्त रखिए किन्तु मतलब के दोस्तों को ना रक्खे अन्यथा आप भी दुःखी रहेंगे और आपके दोस्तों के किया कहने सच में एक सच्चा और अच्छा दोस्त आपके सुःख और दुःख का एक सच्चा सिपाही व साथी होता हैँ किन्तु ये कलयुग हैँ मित्रवर सो बी केयरफुल अन्यथा आप स्वयं जानकार और जागरूकता से भरे पड़े हैँ विशेष समझाने की अब ज्यादा जरुरत नहीं हैँ

सबों का आभार,

अरुण कुमार, मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क = ( भागवत ग्रुप कारपोरेशन )

Last updated: फ़रवरी 2nd, 2024 by Arun Kumar
Arun Kumar
Bureau Chief, Jharia (Dhanbad, Jharkhand)
अपने आस-पास की ताजा खबर हमें देने के लिए यहाँ क्लिक करें

पाठक गणना पद्धति को अब और भी उन्नत और सुरक्षित बना दिया गया है ।

हर रोज ताजा खबरें तुरंत पढ़ने के लिए हमारे ऐंड्रोइड ऐप्प डाउनलोड कर लें
आपके मोबाइल में किसी ऐप के माध्यम से जावास्क्रिप्ट को निष्क्रिय कर दिया गया है। बिना जावास्क्रिप्ट के यह पेज ठीक से नहीं खुल सकता है ।
  • झारखण्ड न्यूज़ की महत्वपूर्ण खबरें



    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View

    पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण खबरें



    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View


    Quick View
  • ट्रेंडिंग खबरें
    ✉ mail us(mobile number compulsory) : [email protected]
    
    Join us to be part of India's Fastest Growing News Network