इस रैली में झंडे कम और डंडे अधिक दिख रहे हैं , क्या है इशारा …..?
अंडाल(शिवदानी)-काजोड़ा मोड़ में सत्ताधारी दल तृणमूल में आये माले के कार्यकर्त्ता लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता बीते तीन दिनों से तृणमूल का झंडा तथा लाठी लेकर रैली निकाल रहे हैं जो पूरा काजोड़ा मोड़, जे0 के0 रोपवेज, तारकपुर आदि जगहों का भ्रमण कर रही है। इसकी जानकारी थाने में भी नहीं है। बताते चलें की अभी उच्च माध्यमिक की परीक्षा चल रही है एवं किसी भी पार्टी ने अभी चुनाव प्रचार शुरू नहीं किया है . अभी तो नामांकन प्रक्रिया ही चल रही है उसमें हर जगह हिंसा की खबरें आ रही है।
रैली में भी गुटबाजी आ रही सामने
आज भी झंडे एवं डंडे के साथ रैली निकाली गयी जिसमें तृणमूल के लक्ष्मी सिंह,नीरज सिंह, शंभू यादव,सूरज हेला,विश्वजीत आंकुड़िया सहित काफी संख्या में तृणमूल कार्यकर्त्ता मौजूद थे परन्तु तृणमूल के पुराने कार्यकर्ता गौतम मजुमदार तथा उनके समर्थक मौजूद नहीं थे . लक्ष्मी सिंह ने हाल ही में माले से तृणमूल का दामन थामा है वहीँ गौतम मजुमदार तृणमूल के पुराना कार्यकर्त्ता है. स्पष्ट है कि तृणमूल आपसी गुटबाजी सामने आ रही है।
डंडे से चुनाव-प्रचार का क्या मतलब ?
साथ ही साथ डंडे से चुनाव-प्रचार का क्या मतलब ? लोग झंडे के साथ चुनाव प्रचार करते हैं पर इस रैली में झंडे कम और डंडे अधिक दिख रहे हैं वह भी लगातार तीन दिनों से। क्या यह इस पंचायत चुनाव में होने वाली किसी गड़बड़ी का तो संकेत नहीं।

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