वनों की कटाई से मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है -मुकुंद साव
आज दुनिया में जिस तरह से आग का तांडव बढ़ता जा रहा है आने वाली जनरेशन के लिए कुछ नहीं बचेगा, दुनिया भर में कंक्रीट की इमारतें खड़ी हो रही हैं इसके लिए लगातार वनों की तेजी से कटाई की जा रही है। गहन रूप से देखा जाए तो पूरा मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है उक्त बातें आज वन अग्नि सुरक्षा दिवस के अवसर पर अनुसूलेखा देवी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि पर्यावरण संरक्षण मंच के जिला संयोजक तथा पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान एसोसिएशन हजारीबाग के समन्वयक मुकुंद साव ने कहा, उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी सीएसआईआरओ (CSIRO) ने खुलासा किया कि पिछले 30 सालों में जलवायु परिवर्तन की वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्ल्ड वाइल्डलाइफ के मुताबिक 2030 तक अमेजन के करीब 27 फ़ीसदी जंगल खत्म हो जाएंगे, जंगल खत्म हो रहे हैं तो कीट पतंगों और जानवरों की हजारों तादाद में प्रजातियां खत्म हो रही है कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है ग्लेशियर पिघल रहा है। जंगलों में आग लगने से वायु प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है सीएसआईआरओ ने पिछले 30 सालों को विश्लेषण में पाया कि 3,24,000 वर्ग किलोमीटर जंगलों में आग लग चुकी है, 2002 से 2019 के बीच और 1988 से2001 की तुलना में जलने वालों का क्षेत्र 800 फीसदी से ज्यादा था, श्री साव ने बताया कि भारत में साल 2021 में जनवरी से अप्रैल के बीच 100 दिन तक जंगलों में आग लगी, जिसमें 15170 मामले सामने आए ,यह आंकड़ा साल 2020 से भी अधिक था, इनमें से झारखंड बिहार असम उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश शीर्ष पर है,। तेजी से बढ़ रही आबादी के कारण भी तेजी से जंगल की कटाई की जा रही है इतना ही नहीं नदियों और झीलों को खत्म करने का आशियाना तैयार किया जा रहा है,। आने वाले कुछ सालों में मौसम चक्र पर बेहद उल्टा प्रभाव पड़ने वाला है ,ग्लोबल वार्मिंग के कारण कनाडा में 2021 में गर्मी का खतरा 150 गुना तक बढ़ गया था,। जब जंगलों में आग लगती है तो सवाल पूछा जाता है यह आग कब बुझेगी? जिसका जवाब सभी जानते हैं लेकिन उत्तर कोई नहीं देना चाहता, यह सवाल यह भी उठता है कि आखिर जंगलों की रक्षा कौन करेगा? सरकारी महकमा बिल्कुल निष्क्रिय है इसलिए हम सबको आगे आना होगा ,जंगलों को बचाना होगा, जंगल में लगे आग को बुझाना होगा ,पर्यावरण की रक्षा करना होगा ,तभी आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा की कल्पना की जा सकती है,कार्यक्रम का संचालन मुंद्रिका देवी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन पूनम देवी ने किया,गोष्ठी में लगभग 100 महिलाएं उपस्थित थी।

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