चौपारण प्रखंड में मुहर्रम की दसवीं (यौम-ए-आशूरा) शहादत-ए-कर्बला फातिया खानी के साथ हुई संपन्न
चौपारण प्रखंड के सभी गांव में शहादत-ए-कर्बला हैरत अंगेज खेल दिखाने के साथ हुई संपन्न। प्रखंड पंचायत के सभी गाँव में मुहर्रम की दसवीं के अवसर पर मुस्लिम युवाओं ने एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज खेल का प्रदर्शन किया। कमलवार में आज अतिथि के रूप में प्रमुख पूर्णिमा देवी, मुखिया रेखा देवी, उप मुखिया संजय साव, पंचायत समिति भाग-1 की रिजवाना परवीन ने फीता काटकर लाठी-भाला के खेल का शुभारंभ किया एवं खेल प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ाया। जिसमें कमलवार के खिलाड़ियों का तारीफ प्रमुख, मुखिया, उप मुखिया एवं प्रतिनिधियों ने जमकर किया। प्रमुख पूर्णिमा देवी ने कहा की मोहर्रम का पर्व एक पवित्र त्यौहार है आपलोग इसे शांति और भाईचारगी के साथ इसे मनाए। वही मुखिया रेखा देवी ने कहां की लाठी भाला के इस खेल में आपसी भाईचारगी बढ़ेगी। इसके बाद अमृत महोत्सव को लेकर सभी ने झंडे को अपने हाथ में लेकर घर घर तिरंगा लगाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया। उत्कृष्ट कमेंट्री कर मोहम्मद बेलाल एवं फारुख हुसैन ने जोरदार लाठी-भाला खेल का शुभारंभ करवाया। खेल प्रदर्शन देखने के लिए महिलाएं, बुजुर्ग, युवा और बच्चे शामिल भारी संख्या में दिखे। खेल प्रदर्शन के बाद कमरबंधों एवं सभी लोग कर्बला की तरफ रुख मोड़ एवं उसके बाद फातिया खानी हुई। इस मौके पर कमलवार सदर मोइनुद्दीन पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अतहर हुसैन, मोहम्मद सरफराज, गुलबहार अंसारी, मौलवी बशारत, मोहम्मद नवाब, राजू अंसारी, इलियास अंसारी, जुनैद अंसारी मुख्य रूप से शामिल थे।
आशूरा का ऐतिहासिक महत्व
मुस्लिम धर्म में रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र माह मुहर्रम का होता है। पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत मुहर्रम के 10वें दिन यानि आशूरा को हुई थी। करीब 1400 साल पहले इस्लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपने परिवार और साथियों के साथ शहादत दे दी थी। हजरत इमाम हुसैन और यजीद की सेना के बीच यह जंग इराक के शहर कर्बला में हुई थी।

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