बुजुर्गो के जोश के आगे युवाओं के होश उड़े
बुजुर्गो ने ठाना हैं कुछ करके दिखाना हैँ अगर यह कहा जाए तो सच में यह लाइन इन लोगों पर सटीक बैठती हैँ हम बात कर रहे हैँ इस प्योर बोर्रागढ़ के छठ घाट तालाब की, ना नगर निगम और ना ही कोई जनप्रतिनिधि फिर भी ये बुजुर्ग अपने काम में मशगूल हैँ और हो क्यों ना जब बात आ जाती हैँ छठ घाट की सफाई की तो ऐसा ही नजारा दिखाई देता हैँ वहीँ यह छठ घाट प्योर बोर्रागढ़ का एकमात्र घाट हैँ जहाँ पर की छठ पूजा होती हैँ वहीँ कार्य कर रहे रामस्वरूप राम और मुरारी सिंह ने बतलाया कि इस छठ घाट में काफी बड़े बड़े झाड़ी और घास उग आया था इसी की सफाई हमलोग कर रहे हैँ वहीँ पहले से बना हुआ घाट का पक्का भी कई जगह से फट गया हैँ उसका भी मरम्मत हमलोग अपने पैसे से करवाएंगे आज कई दिनों से हमलोग श्रमदान कर रहे हैँ और आगे भी करेंगे जबकि ज्ञात हो कि इस छठ घाट में पानी नहीं जमा हो पाता हैँ जबकि अभी कुछ दिन पहले ही इस तालाब के दूसरी ओर भी सीढ़ियों का कार्य हुआ हैँ जबकि यहाँ के ग्रामीणों का कहना था कि तालाब के बीच में स्लोपिंग का कार्य होने से पानी का ठहराव होता अब चुकी यह कार्य आधा अधूरा हुआ हैँ तो और किया कह सकते हैँ वहीँ काम करने वालों में, अर्जुन राम, ब्राम्हदेव सिंह, भगवान दास, मुरारी सिंह, सोवित राम, रामस्वरूप राम और भी कई बुजुर्ग इस छठ घाट की साफ सफाई में जुटे हुए थे,, संवाददाता श्रीकांत कुमार की रिपोर्ट

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