बी सी सी एल लोदना के जयरामपुर कोलयरी का युवक अमृत राय अपनी नौकरी के लिए भटकने को मजबूर आलाधिकारी बेखबर
बी सी सी एल,लोदना क्षेत्र के अंतर्गत जयरामपुर कोलियरी में कार्यरत नारद राय को लंबी बिमारी और लकवा ग्रस्त हो जाने के कारण नौकरी में रहते हुए दिनांक 3/5/13 को बीसीसीएल ऐपेक्स मेडिकल बोर्ड के द्वारा मेडिकल अनफिट कर दिया गया था मेडिकल अनफिट होने के पश्चात कंपनी के नियमानुसार नारद राय के पुत्र अमृत राय के द्वारा बीसीसीएल में नियोजन देने हेतु नियोजन से संबंधित सारे कागजात जयरामपुर कोलियरी में जमा कराया गया सारे कागजातों की जांच कर जयरामपुर प्रबंधन द्वारा नियोजन की प्रक्रिया को बढ़ाते हुए नियोजन फाइल को क्षेत्रीय कार्यालय को अग्रसारित कर दिया गया, वहीँ क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा नियोजन फाइल की जांचोपरांत सही पाने पर प्रबंधन के द्वारा अमृत राय का मेडिकल कराया गया साथ ही साथ पुलिस वेरिफीकेसन भी कराया गया सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा नियोजन फाइल को नियोजन हेतु स्वीकृति के लिए कोयला भवन भेज दिया गया। अमृत राय की स्थिति खराब एवं कोयला भवन तक पहुंच नहीं होने के कारण इसके नियोजन फाइल को कुछ कागजात की मांग करते हुए लौटा दिया गया पुनः जयरामपुर कोलियरी और क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा फाइल को दुरुस्त कर कोयला भवन भेजा गया लेकिन कोयला भवन में यह फाइल 2014 से कोयला भवन से क्षेत्रीय कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय से कोयला भवन घुमते रहा इसी बीच 24/1/16 को अमृत के पिता नारद राय का स्वर्गवास हो गया और अमृत राय पिता के श्राद्धकर्म में उलझ गया और इसे 2022 में भी कंपनी के द्वारा नियोजन नहीं दी गई 2014 से नियोजन के लिए क्षेत्रीय कार्यालय का चक्कर लगा रहे अमृत राय को अब क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा बोला जा रहा है कि तुम्हारा पुलिस वेरिफीकेसन रीपोर्ट और मेडिकल फिटनेस रीपोर्ट नियोजन फाइल में नहीं संलग्न है। इसके पीछे के बहुतों नियोजन फाइल की स्वीकृति मिल गई नियोजन दिया गया लेकिन अमृत के पास न देने के लिए पैसा है और न पैरवी के लिए पहूंच ऐसे में यह बेचारा आठ साल से नियोजन के लिए चक्कर लगाने में गुजार दी यदि जांच हो तो इस तरह के सैकड़ों नियोजन फाइल क्षेत्रीय कार्यालय से लेकर कोयला भवन तक पैसा और पैरवी के लिए लंबित है। महाप्रबंधक लोदना क्षेत्र से भी इस संबंध में वार्ता की गई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकाला।
वहीँ इस मामले में अब बी सी सी एल के आलाअधिकारी स्वयं हस्तक्षेप करें जिससे की इसकी नौकरी हो जाए क्योंकि नारद राय तो अपने पुत्र को नौकरी करते हुए नहीं देख पाए तो किया नौकरी की आस आँखों में लिए अमृत राय की भी मौत कही भूख से ना हो जाए, इसी को आप अंधेर नगरी और चौपट राजा की संज्ञा दे सकते है, किया फायदा वैसे बड़े ओहदे का की एक रोजगार के लिए यह युवक दर दर भटके और कोई भी आलाधिकारी इसकी सुध ना लें अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और निदेशक (कार्मिक) कोयला भवन धनबाद स्वयं संज्ञान में लेकर इस गरीब के नियोजन फाइल को जांच पड़ताल कर नियोजन देने की कृपा प्रदान करें जिससे की बी सी सी एल के मान और सम्मान में बढ़ोतरी हो और वैसे क्लर्क और अफसर पर कार्रवाई करें जिसकी की इस मामले में भूमिका संलिप्त हो क्योंकि यही अफसर लोग भ्र्ष्टाचार को जन्म दे चुके है और मजबूर कर देते है नहीं तो आज यह अमृत राय यूँ दर दर की ठोखरे खाने को मजबूर ना होता

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