रानीगंज -शहर के हाई प्रोफाइल पुष्पा भालोटिया मौत को लेकर जिस प्रकार से अब कार्यवाही शुरू हुई है. इससे इलाके में चर्चा का माहौल बन गया है. इस हत्याकांड की गुत्थी कब सुलझेगी और किस करवट लेगी इस पर असमंजस बरकरार है।
सीआईडी की जाँच से असंतुष्ट होकर जाँच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था
रानीगंज के समाज सेवी भक्ति राम भालोटिया के पुत्र मनोज भालोटिया की पत्नी पुष्पा भालोटिया के रहस्यमई तरीके से मौत की गुत्थी को सुलझाने का दायित्व पुनः सोमवार को हाईकोर्ट के डबल बेंच ने पुन: सीआईडी को सौंपा दिया है. इससे पहले सीआईडी से लेकर सीबीआई को सौंपा गया था. इस मामले का रिपोर्ट 2 माह के भीतर पेश करने का आदेश दिया है. सीआईडी द्वारा कुछ और समय की मांग करने पर 1 माह की अतिरिक्त समय प्रदान की गई है.
करीब एक वर्ष पहले रहस्यमय तरीके से हुई थी मौत
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 5 अक्टूबर 2017 को रानीगंज के एनएसबी रोड के आई अस्पताल के समीप रहने वाली गृह वधू पुष्पा भालोटिया की मौत रहस्यमय तरीके से आग जलने एवं सर पर गोली लगने से हो गई थी.
पुलिस शुरू से ही जाँच में ढिलाई बरत रही थी
इस घटना में शुरू से ही जाँच में ढिलाई बरती जा रही थी। पुलिस मामले को आत्महत्या का स्वरूप देने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क लगातार इस मसले को उठाता रहा कि जो जल गई वो गोली कैसे चला सकती है या फिर गोली लगने के बाद कोई आग कैसे लगा सकता है ?
मीडिया के दबाव में केस को सीआईडी को सौंपा गया था
मीडिया के दबाव में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा मामले को जाँच के लिए सीआईडी को सौंपा गया था. लेकिन सीआईडी के कार्य में बिलंब होते देख पुष्पा भालोटिया के भाई गोपाल अग्रवाल द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन किए जाने के पश्चात हाई कोर्ट ने 21 अगस्त 2018 को 1 सप्ताह के भीतर केस से जुड़े समस्त कागजात सीबीआई को सोपने का आदेश दिया था और मामले की जाँच का दायित्व सीबीआई को दिया था.
सीआईडी ने कोर्ट को दिया है सटीक जाँच का आश्वासन
मिली जानकारी के अनुसार बीते शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस द्वारा आवेदन किए जाने कि उक्त मामले में सीआईडी सटीक भूमिका पालन कर रही है एवं इस दिशा में काफी आगे भी बढ़ गई है अतः इस रहस्यमय घटना के उजागर के लिए कुछ समय दिया जाए, एवं मामला पुन: सीआईडी को सौंपा जाए.
हाईकोर्ट ने सीआईडी पर किया भरोसा
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डबल बेंच ने इसकी संज्ञान लेते हुए पुनः एक बार यह मामला सोमवार को सीआईडी को देकर 3 माह का समय प्रदान किया, एवं इस समय अवधि के भीतर रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया। गौरतलब है कि घटना के करीब एक वर्ष पूरे होने को आये हैं उसके बाद भी इस मामले में पूछताछ के लिए किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इस आदेश के पश्चात पुष्पा भालोटिया के भाई गोपाल अग्रवाल ने कहा कि हाई कोर्ट ने सीआईडी को पुनः मामला सौंपा है. इसकी जानकारी मिली है, पर इसका कागजात फिलहाल मेरे पास नहीं आया है. कागजात को देख कर ही कोर्ट की आगे की कार्यवाही के लिए आवेदन की जाएगी.दूसरी ओर इस संबंध में मृतक पुष्पा के ससुर भक्ति राम भालोटिया तथा पति मनोज भालोटिया से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया गया पर उन दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है.
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