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दहेज प्रथा मिटाने के लिए किए अनोखे पहल

दहेज प्रथा मिटाने के लिए किए अनूठे पहल

विवाह के अटूट बंधन में जुड़ने से पहले अक्सर लोग सात जन्म साथ निभाने की कसमें खाते हैं।

किन्तु समय बीतते ही बेटियों को दहेज़ की बलि चढ़ा दी जाती है |

समाज में ऐसे कई लोग हैं जो दहेज कुप्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं  और दहेज मुक्त शादियाँ कर रहे हैं ।

ऐसे लोगों को वाहवाही तो मिलती है पर विरला ही कोई उनके आदर्शों का पालन करता है।

विरले लोगों में से एक हैं विजयराज हिंदवी

किष्टो प्रसाद गुप्ता एवं प्रेमा देवी के अपने प्रथम पुत्र विजयराज हिंदवी ने अपना विवाह सीमा कुमारी के साथ किया ।

इस विवाह से उन्होने कई संदेश देने की कोशिश की है

समाज के कुरीतियों को खंडित करने को एक अनूठा विवाह संपन्न हुवा,

जहा निमंत्रण कार्ड सिर्फ न्योता के लिए नहीं था|

बल्कि रूढी वादी परंपरा व दहेज़ कुप्रथा के नाम पर करारा तमाचा था|

इस होसले व युवा दम्पति के प्रयास को दुनिया सलाम कर रही है

चित्तरंजन के एरिया-आठ कम्युनिटी हाल में विगत 28 जून को इलाके के सीमावर्ती क्षेत्र मिहिजाम के कुर्मी पाड़ा निवासी

किष्टो प्रसाद गुप्ता एवं प्रेमा देवी के प्रथम पुत्र विजयराज हिंदवी का शुभ विवाह कुर्मीपाड़ा के ही कैलाश साव तथा

सरिता देवी की कनिष्ठ पुत्री सीमा कुमारी के साथ सम्पन्न हुवा ।

अपने निमंत्रण पत्र में छपवाए गंभीर मुद्दे एवं सुझाव

दहेज प्रथा मिटाने के लिए विवाह कार्ड में छ्पवा दिये संदेश

निमंत्रण पत्र में अंतर्जातीय विवाह तथा दहेज मुक्त समाज बनाने की मांग की है।

अपने विवाह कार्ड पर समाज का ध्यान आकर्षित करते हुए पांच विन्दुओं पर पहल किये जाने की बात कही है ।

दहेज मुक्त समाज के लिए अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देते हुए वैवाहिक अनुष्ठान को सादगीपूर्ण सम्पन्न कराने की अपील की है।

विवाह पूर्व  निबंधन कराने पर जोर देते हुए विजयराज ने विवाह निबंधन संख्या को भी विवाह कार्ड पर स्थान देने की वकालत की है।

बेटी की शादी में दहेज के लिए पैसा बटोरने की वजाय उन पैसों का सदुपयोग बेटी की शिक्षा पर खर्च कर बेटी को आत्म निर्भर बनाये।

आय वालों पर मानसिक दवाब न बनाएँ

उन्होने मांग की है कि बेटों का वस्तुओं की तरह मोलभाव ना करें ।

विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को मेले का रूप देकर कम आय वालों पर मानसिक दवाब बनाना उचित नहीं।

अनावश्यक खर्च ना हो इसके लिए दिन के समय ही वैवाहिक कार्यक्रम हो।

विवाह में केवल एक फूल लेकर आयें आगंतुक

उन्होने अपने सारे रिश्तेदारों व मित्रों को आशीर्वादस्वरूप केवल एक फूल लाने को कहा है।

उसने यह भी कहा कि इसे यादगार बनाने के लिए में विवाह स्थल पर पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधा लगाएंगे।

तथा विवाह में शामिल होने वालों को एक-एक पौधा प्रदान कर उन्हें अपने-अपने घरों में लगाने की अपील भी करेंगे ।

दहेज मुक्त समाज के लिए सरकार से किए हैं पाँच अपील

इस विवाह कार्ड पर दहेज मुक्त समाज के लिए सरकार से भी पांच अपील की गयी है।

दहेज प्रतिरोध अधिनियम 1961 में बदलाव करने की मांग की है।

विवाह क़ानून सभी के लिए अनिवार्य घोषित किये जाएँ

तथा दहेज प्रताड़ना के सारे मामले फास्ट ट्रेक कोर्ट में चले एवं दहेज के दोषी व्यक्ति की सारी सुविधाएं जब्त की जाये।

प्रत्येक राज्य सरकार से प्रखंड स्तर पर दहेज प्रतिरोध अधिकारी नियुक्त करने की अपील भी की है।

हिन्दू रीतिरिवाज से ही होगी शादी

विजयराज हिंदवी का विवाह हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार ही होगा।

हाँ, विवाह दिन में सम्पन्न होगा। उन्होंने अपना विवाह निबंधन संख्या भी कार्ड पर अंकित करवाया है।

विजयराज हिंदवी संग सीमा कुमारी का यह विवाह अपने आप में एक आदर्श विवाह तो है ही

साथ ही दहेज मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में उठाया गया

एक सशक्त कदम भी है जो समाज को एक नई रौशनी, नई दिशा तथा खासकर युवा पीढ़ी को एक नया संदेश देगा।

आने वाली नई पीढ़ी दहेज मुक्त समाज के लिए विजयराज ने जो सीमा खींची है

ना सिर्फ उनका स्वागत करेगी बल्कि उसके सपने को साकार करने कि दिशा में पहल भी करेगी।

-गुलजार खान (कल्यानेश्वरी)

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Last updated: सितम्बर 1st, 2017 by Pankaj Chandravancee