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श्रेष्ठ आध्यात्मिक विद्या है योग – शंकर

पांच दिविसीय योग शिविर का समापन

नियामतपुर -पतंजलि योग समिति हरिद्वार के तत्वधान में कुल्टी तहसील के चिनाकुड़ी एरिया आफिस मैदान में पाँच दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया था. मंगलवार को शिविर के अंतिम दिन योग प्रणायाम, यज्ञ-हवन के साथ सम्पन्न हो गया. साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर लोगों को पर्यावरण संबंधित कई जानकारियाँ दी गई. शुगर, मोटापा, थैरेड से ग्रसित कई लोगों ने इस शिविर का भरपूर लाभ उठाया. शिविर में हरिद्वार से आये योग प्रशिक्षक भाई पवन पुरुषार्थी, योग प्रचारयिका बहन ममता एवं शिविर के आयोजक पूर्ण कालिक योग शिक्षक शंकर प्रसाद ने सैकड़ों महिला एवं पुरुषो को योग का प्रशिक्षण व इससे होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. समापन कार्यक्रम में अतिथि स्वरूप श्रमिक नेता जयनाथ चौबे, चिनाकुड़ी 1, 2 नंबर कोलियरी प्रबन्धक आनंद प्रकाश, श्रीमती रश्मि, अभियंता एमसी पटेल, दयाचंद नोनिया मुख्य रूप से उपस्थित थे. शिविर को सफल बनाने में स्थानीय विशाल, अमित, विजय,महेंद्र, त्रिवेणी एवं रमाकांत राय का अहम सहयोग रहा. इस अवसर पर पवन पुरुषार्थी ने बताया कि जल से शुद्धि तन की ओर दान से शुद्धि धन की ओर हवन से शुद्धि वातावरण की होती है. उन्होंने बताया कि जब अग्नि में घी जलता है, तो वातावरण का शुद्धिकरण होता है. वहीं शंकर प्रसाद ने बताया योग एक जीवन दर्शन और आत्मानुशासन है, योग एक जीवन पद्धति है, योग व्याधि मुक्त व समाधि युक्त जीवन संकल्पना है, योग आत्मउच्चार एवं आत्मदर्शन की श्रेष्ठ आध्यात्मिक विद्या है. उन्होंने कहा कि योग मात्र एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति नहीं आपितु योग का प्रयोग परिणामो पर आधारित एक ऐसा प्रमाण है, जो व्याधि निर्मूल करता है. अतः यह एक संपूर्ण विद्या शारीरिक के रोगों का ही नहीं बल्कि मानस रोगों का भी चिकित्सा शास्त्र है. योग का पौराणिक मान्यता है कि इससे अष्ट चक्र जागृत होते हैं एवं प्रणायाम के निरंतर अभ्यास से जन्मजन्मांतर के संचित अशुभ संस्कार व कष्ट मिट जाते है.

Last updated: जून 5th, 2018 by News Desk