पत्रकारिता के समक्ष कई प्रकार की चुनौतियाँ
बराकर -वर्तमान समय में पत्रकारिता के समक्ष कई प्रकार की चुनौतियाँ हैं, चाहे वह सत्ता-शासन की तरफ से हो या फिर असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले की बात हो. आज के दौर में दिवंगत पत्रकार अरिंदम घोष को याद करना इसलिए भी जरूरी है कि कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने डट कर सामना किया. वहीं बराकर के साथ-साथ शिल्पांचल क्षेत्र में निष्पक्ष रूप से जनपक्षिय पत्रकारिता की मिशाल प्रस्तुत की. आज सभी पत्रकारों को मिलकर एक दूसरे से कंधे-से मिलाकर कार्य करने की जरूरत है, ताकि विषम परिस्थियों का सामना किया जा सके. उक्त बातें दिवंगत पत्रकार स्व. अरिंदम घोष की 11 वीं पुण्यतिथि पर आसनसोल जर्नलिस्ट एशोसिएशन (एजेए) द्वारा स्थानीय अग्रसेन भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पत्रकारों ने कही. इस अवसर पर स्थानीय पत्रकार, राजनैतिक कार्यकर्ता तथा समाजसेवी ने स्व. घोष के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनकी आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन भी रखा. संस्था के सचिव कृष्णा कुमार सिन्हा ने जहाँ स्व. घोष की जीवनी पर प्रकाश डाला वहीं पूर्व पार्षद पप्पू सिंह ने कहा कि आज पत्रकार या तो सरकार के साथ या फिर विपक्षी दलों के साथ खड़े दिखाई देते हैं, किन्तु शिल्पांचल में पत्रकारों ने निष्पक्षता से पत्रकारीय कर्म निभाया है और आज भी जनता के मुद्दों को उठाने का कार्य कर रहे हैं. समाजसेवी मोo मुस्लिम ने एसोसिएशन को तत्कालीन कुल्टी नगरपालिका अध्यक्ष मधुरकांत शर्मा के प्रयासों से बेगुनिया मोड़ में प्रदान की गई जमीन पर पत्रकारों के लिेए भवन बनवाने में संभावित मदद प्रदान करने की बात कही. पत्रकार मनोज नियोगी ने बताया कि स्व. अरिंदम दर्जनों युवा पत्रकारों के आदर्श हैं और उन्होंने ही खबरों की बारिकियों को समझना सिखाया था. एशोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष सज्जन पारीक ने कहा कि स्व. के आदर्ष हम सभी के दिलो में मरते दम तक रहेगी.
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