कोलियरी श्रमिकों के मुद्दों और “सावधान नीचे आग है” विषय पर पांडेश्वर कोलियरी में आयोजित एकल व्याख्यान में कथाकार संजीव ने केंद्र की सरकार को कोसते हुए कहा कि आज मन की बात को सुनने के लिये कहा जा रहा है। लेकिन जनता की बात को नहीं सुना जा रहा है ।
हमारे अग्नि पुत्र अपनी जान जोखिम में डालकर कोयला उत्पादन करते है, कोयला से हमारे श्रमिकों के हाथ काला होता है, लेकिन अंबानीं-अडानी जैसे बड़े लोग और सरकार के नुमाइंदे बैठे हुए लोग अपनी संपत्ति में इजाफा कर रहे है।
नोबेल प्राप्त अभिजीत बनर्जी की सिफ़ारिशों को नहीं लागू करने के लिए केंद्र की आलोचना
कथाकार ने हाल ही नोबेल पुरस्कार पाये अभिजीत बनर्जी के सबंध में कहा कि केंद्र की सरकार उनकी बातें नहीं मान रही है जबकि अमेरिका समेत अन्य विदेशी देश उनकी बातें को अमल करने में जुड़े है, लेकिन मन की बात करने वाली सरकार अभिजीत की बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं है ।
उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार द्वारा खोली गई पहली कोयला खदान का जिक्र करने के साथ चासनाला खदान की दुर्घटना का जिक्र अपने उपन्यास किये जाने का भी जिक्र किया। उसके अलावा कथाकार संजीव ने कोयला उत्पादन करने वाले कर्मियों की ज्वलंत मुद्दों पर भी अपना विचार रखा ।
दिल्ली सरकार की प्रशंसा की जबकि प० बंगाल पर कुछ भी नहीं कहा
अपने व्याख्यान में कथाकार संजीव ने प० बंगाल सरकार पर कुछ भी नहीं कहा जबकि इस आयोजन के आयोजक विधायक जितेंद्र तिवारी स्वयं थे । हालांकि उन्होने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की प्रशंसा करते हुये उन्होने कहा कि अरविंद केजरीवाल बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। दिल्ली का उन्होने बहुत विकास किया ।
जितेंद्र तिवारी ने भी केंद्र पर रोजगार छिनने के आरोप लगाए
इससे पहले क्षेत्र के विधायक जितेंद्र तिवारी ने कथाकार को स्वागत करते हुए व्यस्त समय में से समय निकालकर व्यख्यानमला में आने पर बधाई दिया और कहा कि आज की केंद्र सरकार दुकानदार की भूमिका में आ गयी है सरकारी कंपनियाँ बेच रही है और रोजी-रोटी छिनने की तैयारी शुरू हो गयी है । उन्होंने सोनपुर बाजारी परियोजना में आये कोयला सचिव के दौरा का भी जिक्र किया और कहा कि अब खदानों को बन्द करने के लिए जायजा लेने के लिये दौरा शुरू हो गया है और बहुत कर्मियों के रोजी रोटी पर संकट आने वाली है ।
गणमान्य अतिथियों सहित काफी श्रोता पहुंचे थे
इससे पहले व्याख्यानमाला से पहले दीप प्रज्वलित करके विधायक, कथाकार संजीव, एचएमएस के महामंत्री एसके पांडेय, हिंदी परिषद के मनोज कुमार यादव, टीडीबी कालेज की उर्दू की हेड, सभापति मदन बाउरी समेत अन्य ने उद्घाटन किया । इस अवसर पर काफी संख्या में श्रमिकों और कर्मियों ने व्याख्यानमाला को सुना ।
कोयला श्रमिकों और कोयले के मुद्दे पर थी यह व्याख्यानमाला
हालांकि तय कार्यक्रम के अनुसार यह कार्यक्रम कोलियरी श्रमिकों की समस्याओं को लेकर थी । कथाकार ने इस पर संक्षिप्त रूप से ही कहा उनका व्याख्यान मूलतः नरेंद्र मोदी और केंद्र की आलोचना के इर्द – गिर्द घूमता रहा । उन्होने दिल्ली सरकार की तो प्रशंसा की लेकिन जिस मिट्टी पर उनका कार्यक्रम था उसपर कुछ नहीं कहा ।
आसनसोल में सरकारी सेवा में थे कथाकार संजीव
पत्रकारों ने बात करते हुये उन्होने खुद को “सन ऑफ सॉइल” अर्थात धरती पुत्र बताया और कहा कि मैं यहीं का हूँ । कथाकार संजीव आसनसोल के कुल्टी क्षेत्र में ही लंबे समय तक केंद्रीय सरकारी सेवा में रहे । वर्ष 2003 में स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर दिल्ली चले गए । वे लंबे समय से कहानी लिख रहे हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनकी कहानियों छपती रही है ।