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धूमधाम से सम्पन्न हुई अंग्रेजों के जमाने से चली आरही माँ रक्षाकाली की पूजा अर्चना

झरिया। लोदना के एनएस 12 नंबर स्थित माँ रक्षा काली धाम में माँ काली की पूजा अर्चना पूरे विधिवत रूप से की गई। सुगंधित फूलों महक व विद्युतसज्जा के साथ पूरा मंदिर जगमगा उठा। मंदिर परिसर में कोरोना से संबंधित पूरी गाइडलाइंस का पालन कराने हेतु मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी।

अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे माँ रक्षाकाली की पूजा के प्रति कोल अधिकारियों, कोलकर्मियों व कोयलाञ्चल के लोगों की अपार आस्था है। कोयला खदानों की धरती झरिया में प्रकृति के विरुद्ध खून, पसीना एक कर श्रमिक कोयले की निकासी करते हैं। हर समय मजदूरों की जान सांसत में होती है।

खदानों की सुरक्षा का भार मजदूर उनकी पूजा-अर्चना कर उन पर छोड़कर निश्चिंत हो जाते हैं। खदानों की सुरक्षा के लिए ही मजदूर हर वर्ष धूमधाम से माँ रक्षा काली की पूजा करते हैं। पूजा की सबसे बड़ी खासियत है कि यहाँ सभी संप्रदाय के लोग पूजा में सहयोग करते हैं।

पूजा में होनेवाले खर्च में भक्तजन व बीसीसीएल का योगदान रहता है। अनुष्ठान में बीसीसीएल के सीएमडी, निदेशक व अधिकारी माँ के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। झारखंड, बंगाल, बिहार के अनेक जिलों से भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर यहाँ पहुँचते हैं।

पूजा में आयोजन समिति के साथ लोदना ओपी पुलिस समेत कई थानों की पुलिस मुस्तैद रहती है। माँ रक्षाकाली मंदिर कमिटी के अध्यक्ष रामचंद्र पासवान , कोसादयक्ष शिवनंदन पासवान , सेकेट्री चन्द्रिका राय समेत कई सदस्य अपना बहमूल्य योगदान देते आए है।

Last updated: सितम्बर 22nd, 2021 by Arun Kumar