धनबाद । शनिवार की सुबह धनबाद रेल स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 3 पर अचानक ही लोग चीखने चिल्लाने लगे। लोगों के चेहरे पर एक अलग ही खौफ का भाव था। देखते ही देखते वहाँ लोगों की भीड़ भी इकठ्ठा हो गई।
सच में वहाँ का दृश्य खौफ से भर देने वाला था। वहां एक महिला अपनी ही साड़ी के सहारे फंदे से झूल रही थी। उसकी लाश को देख लोगों के रोंगटे खड़े हो रहे थे।
महिला कौन है? कहाँ से आई है? आखिर उसने फांसी क्यों लगाईं, या उसकी किसी ने हत्या कर यहाँ टांग दिया और नहीं तो उसने आत्म हत्या के लिए इसी जगह को क्यों चुना? इन सभी सवालों पर फिलहाल पर्दा पड़ा हुआ है।
महिला ने पहनी हुई साड़ी को ही अपने फंदे के लिए इस्तेमाल किया था। वहीं महिला के पास एक पर्स और कुछ फल पड़े मिले है। महिला के पर्स में लगभग डेढ़ सौ रुपया भी पड़े है।
फिलहाल सूचना पाकर जीआरपी मौके पर पहुँच गई है। और मामले की तफ्तीश में जुटी है, ताकि इस मौत से खड़े हुए सभी सवालों का जवाब मिल सके।
लेकिन यहाँ कुछ विचारणीय सवाल है। जैसे रेलवे का यह फ्लेटफॉर्म चौबीसों घण्टे व्यस्त रहता है। धनबाद से गुजरने वाली लम्बी दूरी की अधिकांश ट्रेनें देर रात में ही प्लेटफॉर्म संख्या दो और तीन से गुजरती हैं। प्लेटफार्म संख्या दो और तीन GRP और RPF थाना से साफ साफ नजर भी आता है। वहीं एक महिला प्लेटफार्म पर आत्म हत्या कर लेती है या उसकी हत्या कर शव को वहां टांग ही दिया जाता है तो इस दौरान रेल पुलिस कहाँ थी।
A 1 स्टेशन की श्रेणी में आने वाले धनबाद स्टेशन पर पुलिस इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है। ऐसे में यहां यात्री खुद को सुरक्षित कैसे समझ सकते हैं।
इस महिला की मौत ने धनबाद GRP और RPF के चुस्ती, ड्यूटी और कर्तव्य निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह तो लगा ही दिया है।