आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के आसनसोल दक्षिण विधानसभा के बलरामपुर ग्राम पंचायत के इलाके में गर्मी हो या ठंडी, पानी के लिए इस क्षेत्र के लोगों को भुगतना ही पड़ता है।
देश बदला, राजनीति बदली, लेकिन हमारी समस्या जस की तस है
दोपहर के वक्त चिलचिलाती धूप के बीच धीमे-धीमे नलों से निकलते पानी को संग्रह करने के लिए वयोवृद्ध महिला जया घोष ने कहा कि सब कुछ बदला, देश बदला, राजनीति बदली, लेकिन हमारी समस्या जस की तस है । आज भी इस इलाके के लोगों का पानी के लिए मसक्कत करना उनकी दिनचर्या है ।
इसी बीच दो मिले । कहा भैया चुनाव का वक्त है, सभी लोग इस क्षेत्र में आ रहे हैं और अपने-अपने तरफ से आश्वासन दे रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछले चुनाव में सड़क बनी थी उसकी भी जर्जर हालत है । पानी की समस्याओं के लिए बार-बार के आंदोलन के बाद इस ग्राम में नल तो लगा लेकिन निचला हिस्सा छोड़कर किसी भी नल में पानी नहीं है ।
निचले हिस्से के नल में पानी लेने के लिए पूरे गाँव के लोग एकत्रित हो जाते हैं। क्या बच्चा ! क्या बूढ़ा ! , अपने अपने काम छोड़कर पानी के लिए जुट जाते हैं । आए दिन आपस में हम लोगों का आपसी मतभेद हो जाता है, हाथापाई तक हो जाती है, कभी यह क्षेत्र बंगाल पेपर मिल रानीगंज कोयलाञ्चल ही नहीं पूरे देश में अपना स्थान रखता था । एक के बाद एक यूनिट बंद हो गई, अब रोजगार भी यहाँ नहीं है, हम लोगों को यहाँ से दूर-दराज पर जाकर दैनिक मजदूरी वह कामकाज करना पड़ता है । रहने को कई योजनाओं के तहत घर देने का वादा तो किया गया, लेकिन हम लोग फटे हाली से अब भी नहीं निकल पाए हैं ।
यहाँ के लोगों में वर्तमान सरकार के प्रति बेहद नाराजगी है
दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का गठन 2013 में हुआ था । उस वक्त इस अंचल में माकपा का वर्चस्व था । पूरे क्षेत्र में माकपा का ही बोल-बाला था, लेकिन समय बदला । आसनसोल दक्षिण विधानसभा सीट पर तृणमूल कॉंग्रेस के प्रार्थी तापस बनर्जी यहाँ से विजय हासिल करते रहे हैं । इस अंचल के लोगों में विश्वास था कि क्षेत्र का बहुमुखी विकास का होगा । लेकिन अद्भुत दृश्य ! चिलचिलाती धूप के बीच, देखने को मिले कई बच्चे, रिक्शा पर पानी के कई डिब्बा बर्तन लेकर जल संग्रह के लिए दामोदर नदी की ओर जा रहे थे । एक बच्ची अपना नाम टुकटुक बताते हुए कही कि हम लोग रोज इसी प्रकार से घर के लिए पानी एकत्रित करके लाते हैं । अब यहाँ के लोगों में वर्तमान सरकार के प्रति बेहद नाराजगी है ।
इस अंचल के लोगों को बोलने का भी आजादी नहीं थी- पंचायत प्रधान, विधान मंडल, तृणमूल कॉंग्रेस
इस क्षेत्र के तृणमूल कॉंग्रेस के पंचायत प्रधान विधान मंडल ने बताया कि काफी पुरानी समस्याएं इस क्षेत्र में है । यह समस्या माकपा समय से ही है । हम लोगों ने पूरी तरह से प्रयास किया । रास्ता, पानी को लेकर कुछ खामियाँ हो सकती है लेकिन माकपा अमल में जो खामियाँ थी उसे दूर कर दी गई है । आरोप-प्रत्यारोप चाहे जो भी लगाएं लेकिन वास्तविकता यह है कि इस अंचल के लोगों को बोलने का भी आजादी नहीं थी । आज अपनी समस्याओं को बोलने के लिए सामने तो आते हैं।