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22 सौ वन भूमि पर भू-माफियाओं की गिद्ध नजर, शून्य काल मे जैविक उद्यान का रखे मांग, क्षेत्र में खुशी

बरही विधायक सह सभापति निवेदन समिति उमाशंकर अकेला ने विधान सभा सत्र के शून्य काल मे चौपारण प्रखंड के सिंघरावां, केवला, गंगाआहार, टिटही एवं बच्छई गांव से सटे वन भूमि में जैविक उद्यान बनाने की मांग रखे। जिससे एक तरफ बिरसा हरित विकास समिति के सदस्यों एवं दूसरी तरफ ग्रामीणों में खुशी है कि क्षेत्र का विकास होगा। जिससे लोगो को रोजगार प्राप्त होगा। विधायक सह सभापति अकेला को विधान सभा के शून्य काल मे क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए 2200 एकड़ वन भूमि पर जैविक उद्यान बनाने की मांग किया है। जिसमें कहा गया है कि सिंघरावां, बच्छई एवं जगदीशपुर पंचायत के बीचोबीच वन विभाग का लगभग 2200 एकड़ भूमि वीरान पड़ा हुआ है। जिसपर भू-माफियाओं का गिद्ध नजर है। जिसपर जैविक उद्यान व पर्यटक स्थल बनाया जाय। जिसमें सिंघरावां, टिटही, बच्छई, केवला, गंगाआहार मौजा मिला कर लगभग 2200 एकड़ वन भूमि है। वही इको जोन सेंसेटिव कमेटी ने बरही विधायक के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। जिसपर विचार करने का आश्वासन मिला। पदमा नेशनल पार्क से सटे पांच किलोमीटर क्षेत्र को सरकार ने इको सेंसेटिव जोन घोषित कर इस क्षेत्र को पंगु बना दिया है। जिससे इस क्षेत्र के लोग किसी भी तरह का व्यावसायिक कार्य जैसे क्रेसर, पत्थर खनन, ईटा भट्टा, फ़ैक्ट्री का संचालन नहीं कर सकते है। जिसे बरही विधायक उमाशंकर अकेला के नेतृत्व में इको जोन सेंसेटिव कमेटी के जिला परिषद अध्यक्ष  उमेश प्रसाद, जिप सदस्य बसंत नारायण मेहता, विधयाक प्रतिनिधि अनिल मेहता सहित अन्य लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात किया। जिसपर मुख्यमंत्री ने गंभीरता से इनके विचारों को सुनकर मामले को लेकर सरकार की तरफ से पुनः विचार करने का आश्वासन दिया।

Last updated: दिसम्बर 24th, 2022 by Aksar Ansari