लोयाबाद बीसीसीएल कुसुंडा क्षेत्र के इस्ट बसुरिया कोलियरी प्रबंधन द्वारा मंगलवार को गड़रिया बस्ती मस्जिद पट्टी के समीप भू-धँसान एवं गैस रिसाव स्थल पर भराई कराने का ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया। एक बार कोलियरी अधिकारियोंं को बैरंग लौट जाना पड़ा। प्रबंधन के द्वारा समझाए बुझाए जाने पर ग्रामीणों ने गैस रिसाव स्थल के चारों तरफ मिट्टी का घेरा बनाने दिया। कोलियरी अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए घेराबंदी करना आवश्यक है ताकि भु धंसान स्थल के तरफ जानवर या कोई बच्चा नहीं जा सके।दिन के करीब साढ़े ग्यारह बजे इस्ट बसुरिया कोलियरी प्रबंधन ने डोजरिंग के लिए आज भू-धँसान एवं गैस रिसाव स्थल पर तीन हाईवा एवं एक पेलोडर साथ में लेकर पहुँचे थे ।
ग्रामीणों का कहना था कि पहले उन लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करे। वे लोग यहाँ से जाने के लिए तैयार हैं। कहा कि जहाँ भू-धँसान एवं गैस रिसाव हो रहा है वहाँ पर बने गोप को यदि मिट्टी पत्थर से भर दिया जाता है और तो यहाँ की आग काफी तेजी से गाँव की ओर बढ़ेगा। साथ ही जिस स्थान कमजोर होगा वहाँ पर आग अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देगा। इसलिए उक्त स्थान की भराई ना करें। इस्ट बसुरिया प्रबंधन ने भू-धँसान एवं रिसाव क्षेत्र के चारों तरफ मिट्टी पत्थर से डंप कर सुरक्षा घेरा बनाने का काम शुरू दिया गया है। साथ ही प्रबंधन ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि विभागीय टेंडर निकाल कर इसकी सुरक्षा हेतु चारदीवारी बनाया जाएगा। गडेरिया में करीब 250 रैयत और 150 क्वार्टर है। ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे भाजपा नेत्री गीता सिंह ओर से मायुमो जिलाध्यक्ष पवन महतो ने कहा कि प्रबंधन सुरक्षित पुर्नवास नियोजन व मुआवजा की व्यवस्था करे ग्रामीण अपनी जमीन छोड़ने को तैयार है।
विरोध करने वालों में
ग्यास अंसारी,शंभू महतो ,सरफुद्दीन अंसारी, राजू अंसारी, सिराज अंसारी आदि शामिल थे।कोलियरी पीओ अरविंद कुमार झा से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि रैयतों के साथ कई बार वार्ता हुई है। जमीन की कागजात की मांग की गई लेकिन वे लोग आज तक जमा नहीं किए हैं। रैयत यदि कागजात जमा कर देते तो बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा नियोजन मुआवजा के साथ-साथ पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दिया गया होता। एक ही जमीन को कई रैयत अपनी जमीन बताते हैं लेकिन पेपर जमा नहीं करते।