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इस गाँव के लोग नगर निगम में शामिल करने की घोषणा का कर रहे हैं विरोध, जानिए वजह

रामा कुंडा गाँव को नगर निगम में शामिल करने की घोषणा से ग्रामीणों में भारी रोष

झारखंड सरकार द्वारा तोपचांची प्रखंड के रामा कुंडा गाँव को नगर निगम बनाने की घोषणा से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार की आखिर क्या मंशा है। बिना सोंचे समझे अचानक कोई भी फैसला ले लेती है। लोग जिये या मरे सरकार में बैठे लोगों का कोई मतलब नहीं रह गया है।

 लॉकडाउन में युवक बेरोजगार होकर घरों में रहने को मजबूर हैं। गाँव के सैकड़ों ग्रामीण सरकार का दाल भात योजना का खिचड़ी खाकर जीने को बेबस है। कई शहरों से युवक बेरोजगार होकर गाँव आकर बैठे हुए हैं। सभी का काम-धंधा चौपट हो गया है। इस गाँव में अधिकतर किसान और मजदूर तबका के लोग रहते हैं। लोग ऐसे ही तिल तिल जीने की बेबस है। उसपर यह एक और नई मुसीबत , इससे बेहतर है सरकार हमलोगों को एक ही बार मार दे।

गाँव के मुखिया परशुराम महतो ने कहा कि हम सभी गाँव वाले आखिर दम तक इस गाँव को नगर निगम बनने नहीं देंगे। नगर निगम बन जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। सब से पहले बिजली बिल बढ़ जाएगा , होल्डिंग टैक्स , मकान बनाने का परमिशन ऐसे बहुत सारी ऐसी बातें हैं जो ग्रामीणों की बस के बाहर की बात है। अभी गाँव के ग्रामीण भूख और गरीबी से उभर नहीं पाया और सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र बनाने का सपना दिखाया जा रहा है। पूरे गाँव में किसी के बदन पर ढंग का कपड़ा नहीं मिलेगा और चले हैं शहर बसाने।

सरकार में बैठे लोग पहले धरातल पर आकर मूल्यांकन करके देखे की किसी भी एंगल से यह गांव शहरी क्षेत्र बनने लायक है। यह सब बातें कहकर ग्रामीणों को उलझाया जा रहा है। ताकि लोग सरकार से रोजी रोटी की बातें न करे। आख़िर हमारे गांव का फ़ैसला दिल्ली और रांची में बैठकर लोग कैसे कर रहे हैं। गांव का मामला ग्राम सभा में बैठकर तय की जाती है। सरकार द्वारा इस गांव को नगर निगम की घोषणा का हम सभी गांव वाले पुरजोर विरोध करते हैं। सरकार का यह मनसूबा हमलोग कभी सफल होने नहीं देंगे। आखिरी सांस तक हम सभी गांव वाले सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ेंगे। विरोध में दर्जनों ग्रामीण शामिल थे।

बता दें कि रामा कुंडा रेलवे हाल्ट में सिर्फ एक पैसेंजर ट्रेन सुबह डाउन में और शाम अप में रुकती है। जहाँ से रामा कुंडा गांव करीब तीन किलोमीटर दूर पहाड़ी क्षेत्र की ओर बसा हुआ है। बेहद सुदूर ग्रामीण इलाका है। रेलवे अंडर ग्राउंड पुल जहाँ से ग्रामीण तीन किलोमीटर दूर रामा कुंडा गांव जाते हैं। यही  गांव जाने का एकमात्र सड़क  है।

Last updated: जून 18th, 2020 by Nazruddin Ansari