वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना फाटक को उखाड़ने आए रेल कर्मियों का ग्रामीणों ने किया विरोध
गोमो : धनबाद गोमो रेलखंड पर अवस्थित गेट नंबर (L.C.No.-8C/E )जो कोडाडीह मौजा में है । वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना फाटक को उखाड़ने आए रेल कर्मियों को ग्रामीणों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा । रेलकर्मचारी फाटक के गेट और नीचे लगे पत्थरों को उखाड़ने लगे । इन पत्थरों के उखाड़ देने से पटरी के दोनों ओर वाहनों का आवागमन बंद हो जाएगा । ग्रामीण इसका विरोध करने लगे क्योंकि आवागमन बंद होने से दो गाँवों का संपर्क टूट जाएगा और खेती भी बंद हो जाएगी ।
घटना की जानकारी पाकर किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह यूथ फ़ोर्स के प्रधान संयोजक दीप नारायण सिंह घटनास्थल पर पहुँचे और रेल कर्मियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि —
धनबाद-गोमो रेलखंड पर अवस्थित गेट जो कोडाडीह मौजा में है , दोनों छोर के दर्जनों गाँव के लोगों को आपस में जोड़ती है । इस गेट से कोडाडीह, सिसकारी ,फुलवार ,बरवाडीह रंगुनीबाड़ी ,श्यामडीह, गोपालपुर आदि दर्जनों गाँव के किसान एक छोर से दूसरे छोर तक ट्रैक्टर, हल -बैल लेकर लगभग सैकड़ों एकड़ जमीन पर खेती करते हैं। साथ ही साथ उपज की गई फसल का ढुलाई भी इसी फाटक के माध्यम से किया जाता है ।
लगभग हजारों की संख्या में लोग इसी मार्ग से खेती कर अपना जीवन यापन करते हैं । इस फाटक को बंद होने से हजारों किसानों का लगभग सैकड़ों एकड़ भूमि खेती होने से वंचित हो जाएगी।
पूर्व में भी इस फाटक को उखाड़ने का प्रयास किया गया था। जिसे मैंने पत्र के माध्यम से माननीय रेल मंत्री, माननीय कृषि मंत्री के अलावा रेलवे के वरीय अधिकारियों से इस घटना को अवगत कराया गया था । लेकिन बार-बार इस तरह की घटना को अंजाम देकर कुछ भ्रष्ट अधिकारी ग्रामीणों को मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं । जो किसी भी प्रकार से शोभनीय नहीं है।
ये गेट लगभग 2 वर्षों से बंद है जिससे किसानों को आवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । वर्तमान की केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है । लेकिन ऐसे भ्रष्ट अधिकार किसानों का अधिकार छीन केंद्र सरकार और राज्य सरकार की छवि को धूमिल करना चाहती है जो किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है।
इस विषय को अविलंब ट्विटर के माध्यम से केंद्रीय रेल मंत्री, रेल मंत्रालय भारत सरकार, प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री भारत सरकार के अलावा विभिन्न वरीय रेल अधिकारियों से इस घटना को अवगत कराया गया है ।
भ्रष्ट अधिकारी जो इस रेल फाटक को उखाड़ कर किसानों के अधिकार को छीनना चाहते हैं । वैसे अधिकारी संभल जाए नहीं तो किसान मोर्चा किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिए उग्र आंदोलन करेंगे। मौके पर सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुष उपस्थित थे।
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