धनबाद से क़रीब 35 किलोमीटर मीटर दूर तोपचांची प्रखंड के खरियो पंचायत सुदूर गाँव को सरकार द्वारा नगर निगम बनाने की घोषणा से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। शनिवार को सैकड़ों महिला एवं पुरुष ग्रामीणों ने गाँव के समाज सेवी तारकेश्वर कुम्हार के नेतृत्व में खरियो फाटक से जुलूस निकाला गया जो बरवाडीह गाँव के शिव मंदिर तक गया , वहाँ जाकर जुलूस सभा में तब्दी हो गया , जहाँ ग्रामीणों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए गाँव को शहर बनाने का भारी विरोध किया गया, इस दौरान तारकेश्वर कुम्हार ने कहा कि सरकार में बैठे लोगों का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है जो ऐसे सुदूर गाँव को नगर निगम में शामिल किया गया है ।
इस गाँव में अधिकतर गरीब किसान मजदूर रहते हैं , जिन्हें नगर निगम के बारे में पता भी नहीं है , नगर निगम बन जाने से ग्रामीणों को भारी दिक्कत होगी , होल्डिंग टैक्स , पानी टैक्स , बढ़ती बिजली बिल का रेट , मकान बनाने का नक्शा , मकान बनाने टैक्स आदि जो ऐसी बहुत सारी बातें हैं जो ग्रामीण कभी सुने ही नहीं हैं, यहाँ के गरीब ग्रामीण तो लाल कार्ड का राशन और सस्ती बजली बिल से अपना जीवन यापन कर रहे हैं , हम सभी गाँव वाले खरियो पंचायत गाँव को नगर निगम में शामिल करने का विरोध करते हैं , बेहतर होगा सरकार अपना निर्णय वापस ले , नहीं तो हम सभी गाँव वाले सड़क से सदन तक ये लड़ाई लड़ेंगे ।
खरियो पंचायत गाँव मुखिया सुनीता देवी ने कहा कि हमारे गाँव की कुल आबादी 6000 हजार की है , जो किसान मजदूर हैं आखिर ये लोग सरकार को कैसे टैक्स दे पाएंगे , इन लोगों ने तो कभी टैक्स का नाम भी नहीं सुना है, ग्रामीण काफी भयभीत हैं, ये मजाक नहीं तो और क्या है , वैसे भी आबादी के हिसाब से भी यह गाँव शहरी क्षेत्र घोषित के लायक ही नहीं है। हम सभी ग्रामीण इस गाँव को नगर निगम किसी भी हाल में बनने नहीं देंगे।