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छत्तीसगढ़ भाग रहे प्रेमी-युगल को ग्रामीणों ने पकड़ कर करा दी शादी

चंद्रपूरा (बोकारो) जेब में 70 रुपये ही थे, लेकिन प्यार में इस कदर दीवानगी है कि घर वालों के इच्छा के विरुद्ध प्रेमी युगल छत्तीसगढ़ के लिए निकल पड़े। रास्ते में युगल जोड़ी को जाते देख ग्रामीणों को संदेह हुआ और रोककर पूछताछ की। बाद में परिजनों की उपस्थिति में दोनों की पिलपिलो शिव मंदिर में शादी करा दी गई।

मामला बेरमो अनुमंडल के चंद्रपूरा की लड़की एवं नावाडीह प्रखंड के लड़के के बीच प्रेम-प्रसंग का है। चंद्रपूरा अंतर्गत रटारी गाँव की आरती कुमारी और नावाडीह प्रखंड के ऊपरघाट स्थित टैहरवासीरी गाँव के लड़के धनेश्वर कुमार के बीच पहली मुलाकात बगोदर के बेको गाँव अंतर्गत सोना पहाड़ी मंदिर परिसर हुई थी।पहली नजर में ही एक दूसरे को दिल दे बैठे। पिछलें दो साल से प्रेम परवान चढ़ा और हमेशा के लिए एक दूजे की होने की कसमें खाई। लेकिन दोनों के परिजन इस रिस्ते के खिलाफ थे। लड़का ने अपने परिवार के बड़ों से बात कर इस रिस्ते के लिए हर मुमकिन प्रयास किया लेकिन असफल रहा। लिहाजा इन्होंने भागकर शादी करने का फैसला किया। गुरुवार की शाम को लड़की को चंद्रपूरा से ले आया और एक रिश्तेदार के घर पर रात को छुपाकर रखा। शुक्रवार की सुबह घरवालों को बिना कुछ बताए लड़का अपनी प्रेमिका को लेकर छत्तीसगढ़ के लिए निकल पड़ा। चूंकि लड़का छत्तीसगढ़ में ही रहकर पोकलेन चालक के रूप में काम करता है। इसलिए वह लड़की को लेकर निकल पड़ा। लेकिन उसी गाँव के एक युवक ने धनेश्वर को एक लड़की के साथ कंजकिरो जंगल के रास्ते पैदल जाते हुए को देख लिया और इसकी सूचना उसके घरवालों को दे दी। तक तक गाँव के कुछ लोगों ने दोनों प्रेमी युगल को रोक लिया। लड़के के परिजन मौके पर पहुँच गए। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रेमिका के परिजनों को भी इसकी सूचना दी। दोनों के परिजनों बुलाया गया और सहमति के बाद पिलपिलो गाँव के शिव मंदिर में विधिवत रूप से दोनों की शादी करा दी गयी।

प्रेमिका ग्रेज्युट और प्रेमी है नन मैट्रिक:

प्यार अमीर गरीब और ऊंच नीच की दीवार को पार कर एक दूजे के मिसाल बनते रहे हैं। यहाँ भी लड़की स्नातक है, जबकि लड़का नन मैट्रिक है, लेकिन जब प्यार हुआ तो यह नहीं देखा कि लड़का उसके शिक्षा के बराबर है कि नही। बस प्यार किया तो सब जायज है।

जेब में थे मात्र 70 रुपये:

ग्रामीणों ने जब प्रेमी युगल को पकड़ा तो प्रेमी के जेब में महज 70 रुपये ही थे। उसके अलावे आधार कार्ड जैसे कागजात थे। जब उन्हें पूछा गया कि 70 रुपया में तुम दोनों छत्तीसगढ़ कैसे जाओगे, तो उनका जवाब था कि प्यार करने वालों को पैसे की जरूरत नहीं है। किसी तरह से मंजिल तक पहुँच ही जाते।

Last updated: अप्रैल 4th, 2021 by Arun Kumar