सालानपुर। सालानपुर प्रखंड की कल्ल्या ग्राम पंचायत के चायनपुर मौजा में स्थित एक पोल्ट्री फार्म के संचालन को लेकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी (DM) एस. पोन्नंबलम से फिर से गुहार लगाई है। स्थानीय निवासियों ने बीते 9 अक्टूबर को दूसरी बार ‘जन-याचिका’ दी है। इससे पहले 11 अगस्त को भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि अवैध पोल्ट्री फार्म का संचालन बिना किसी रुकावट के जारी है। ग्रामीणों ने मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
स्वास्थ्य और प्रदूषण के गंभीर खतरे
दी गई याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि पोल्ट्री फार्म के संचालन से गाँव में स्थिति बिगड़ रही है और गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा हो गया है।
संक्रामक रोगों का खतरा: आवासीय क्षेत्र में मक्खियों, मच्छरों और चूहों का बड़े पैमाने पर प्रजनन बढ़ गया है, जिससे संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका है।
दुर्गंध और गंदगी: मुर्गियों की गंदगी के संचय और सड़ी हुई दुर्गंध के कारण निवासियों के लिए साफ हवा में सांस लेना या बुनियादी स्वच्छता बनाए रखना असंभव हो गया है।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि एक अनिर्धारित क्षेत्र में इतनी बड़ी वाणिज्यिक इकाई का संचालन किया जा रहा है, जिसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ‘ऑपरेट करने की सहमति’ जैसी अनिवार्य अनुमतियाँ होने की संभावना नहीं है।
अतिक्रमण और पशु-हत्या के आरोप
ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि यह फार्म सार्वजनिक भूमि पर चल रहा है, तो यह अवैध निजी वाणिज्यिक गतिविधि के लिए अतिक्रमण का मामला है, जिस पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।
एक चौंकाने वाले आरोप में ग्रामीणों ने कहा है कि जब गाँव की एक बकरी पोल्ट्री फार्म में प्रवेश कर गई, तो फार्म के मालिक ने जहर देकर उसे मार दिया। इस मामले को लेकर सालानपुर पुलिस थाना में शिकायत भी दर्ज की गई है और वह जांच के अधीन है।
तत्काल बंद करने और जुर्माने की मांग
याचिकाकर्ताओं ने जिलाधिकारी से फार्म को तत्काल बंद करने और जुर्माना लगाने की अपील की है।
पोल्ट्री फार्म मालिक का पक्ष
वहीं, मामले में पोल्ट्री फार्म के मालिक स्नेहमय पातर ने आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि वे सभी आवश्यक अनुमति के बाद ही फार्म को चला रहे हैं।
पातर ने दावा किया कि उनकी भूमि पर एक प्रभावशाली व्यक्ति (स्थानीय नेता) के सहयोग से कब्जा कर पत्थर खदान बनाया गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी और मामला न्यायालय में है। उनका आरोप है कि यह सब उस व्यक्ति द्वारा उन्हें परेशान करने के लिए किया जा रहा है।
अधिकारियों का रुख
मामले को लेकर सालानपुर के बीडीओ (BDO) देबंजन बिस्वास ने कहा कि कार्यालय में दस्तावेज देखने के बाद ही वह इस मामले में कुछ कह पाएंगे।

