मधुपुर 3 अगस्त । मधुपुर अनुमणडल के मार्गोमुंडा प्रखंड अंतर्गत खमर बाद गाँव के ग्रामीणों ने अपने गाँव की वार्ड सदस्य कविता देवी पर सरकारी योजनाओं में भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड सदस्य ने गाँव वालों को सरकारी योजनाओं से वंचित कर रखा है। चाहे वह पीएम आवास योजना हो बकरी पालन या मुर्गी पालन योजना हो या वृद्धा पेंशन की योजना हो। ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड सदस्य का पति और उसके भाई मिलकर अपने लिए तो सारी योजनाओं का लाभ ले लेते हैं लेकिन जब गाँव वालों को देने की बात आती है तो वह आनाकानी करती है। जबकि वह अपने घर में सभी योजनाओं का लाभ ले रही है।
वार्ड सदस्य का भाई प्रकाश मंडल और उसकी पत्नी के नाम से विकलांग पेंशन लिया जाता है जबकि वह विकलांग है नहीं। पीएम किसान योजना के उसके घर से 5 लाभुक हैं। इसके साथ-साथ बकरी पालन, मुर्गी पालन, पीएम आवास योजना, कुआं आदि सभी योजनाओं का लाभ ले रही है पीएम आवास योजना में भी उसके पति के भाई ने गाँव वालों से कई व्यक्तियों से ₹1000 की ठगी कर ली।
गाँव वालों ने वार्ड सदस्य के पति कार्तिक मंडल और उसके भाई प्रकाश मंडल पर प्रखंड कार्यालय से सांठगांठ का भी आरोप लगाया कि प्रकाश मंडल प्रखंड कर्मियों के साथ मिलकर बिचोलिया का काम करता है। ग्रामीणों ने मार्गो मुंडा प्रखंड के एक कर्मी पर भी पीएम किसान से नाम काट देने का आरोप लगाया।
वही जब इस संबंध में वार्ड सदस्य के पति कार्तिक मंडल से बात की गई, तो उन्होंने इन सभी आरोपों को निराधार बताया। कार्तिक मंडल ने कहा कि मेरी पत्नी वार्ड सदस्य है और उसका काम सिर्फ अनुशंसा करना है, इससे ज्यादा हम लोगों को कोई अधिकार नहीं है। मैंने किसी का कोई योजना नहीं रोका। मेरे गाँव में मेरी अनुशंसा पर जितने कार्य हुए हैं शायद उतने कार्य किसी गाँव में नहीं हुए होंगे। जहाँ तक पीएम किसान सम्मान निधि की बात है तो वह फॉर्म गाँव वालों ने खुद भरा है। अब वह गलती करते हैं तो इसमें मैं क्या कर सकता हूँ। उन्होंने यह भी बताया कि जब से उनकी पत्नी ने चुनाव जीता है, तभी से गाँव वाले कुछ ना कुछ बातों को लेकर शिकायत लगाते रहते हैं।
क्या कहते हैं मार्गो मुंडा प्रखंड कर्मी :
जब हमने पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर प्रखंड कर्मी प्रफुल्ल राय से बात की तो उन्होंने कहा कि जिनका पीएम किसान योजना में नहीं हुआ है उसमें लाभुकों ने डाँटा भरने में खुद गलती की है जिस कारण उन्हें यह लाभ नहीं मिल पा रहा है और इसमें सुधार भी हम लोग नहीं कर सकते हैं क्योंकि डाटा हम लोगों ने नहीं भरा है इसका सुधार फॉर्म भरने वालों को खुद से करना होगा।