लोयाबाद सिजुआ क्षेत्रीय कार्यालय में शनिवार को मैनुअल लोडिंग के मुद्दे को लेकर वासुदेवपुर के मजदूरों और बीसीसीएल प्रबंधन की वार्ता विफल हो गई। जिसके बाद वासुदेवपुर कोलियरी डंप में रविवार को होने वाली बंदी में खूनी संघर्ष की संभावना बढ़ गई है। बंदी करने वाले मजदूरों के साथ सिजुआ जीएम की वार्ता बे नतीजा हो गई। वार्ता असफल होते ही वासुदेवपुर का तापमान बढ़ गया है। हालांकि जिला प्रशासन ने इससे निपटने की तयारी भी कर रखी है।
क्या है मामला
बताया जाता है कि वासुदेवपुर कोलियरी डंप में मैनुअल लोडिंग की मांग को लेकर ढुलू समर्थक मजदूरों ने रविवार को यहाँ चल रही ट्रांसपोर्टिंग के कार्य का चक्का जाम करने की घोषणा की है। जिसके बाद भाजपा विधायक ढुलू समर्थक मजदूर व आजसु जिलाध्यक्ष मंटू समर्थक ट्रांसपोर्टर के बीच तनातनी बनी हुई है। इसके पूर्व भी ढुलू समर्थक वासुदेवपुर के मजदूरों द्वारा 22 सितंबर को कोल डंप का चक्का जाम करने की कोशिश की गई थी। उस वक्त भी ढुलू व मंटू समर्थक आमने-सामने हो गए थे, पुलिस की सत्तर्कता के कारण कोई घटना नहीं घटी थी और कोलियरी प्रबंधन द्वारा 3 अक्टूबर को जीएम से वार्ता कराए जाने पर आंदोलन समाप्त हुआ था।
पुलिस प्रशासन सत्तर्क
बन्दी को लेकर पुलिस प्रशासन सत्तर्क है। तमाम हालातो से निपटने के लिए स्थानीय पुलिस बल के अलावा जिला से पुलिस बल मंगाया जा रहा है। पुलिस द्वारा विधि व्यवस्था बनाएँ रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।
जबरन बंदी करवाया गया तो होगा केस
लोयाबाद थाना प्रभारी चुन्नू मुर्मू ने कहा कि किसी भी परिस्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की गई है । कानून तोड़ने की किसी को इजाजत नहीं है। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। जबरन बंदी करवाया गया तो आंदोलनकारियों पर केस दर्ज किया जाएगा।
जरा सी चूक में हो सकती है बड़ी घटना
वासुदेवपुर में जिस तरह के हालत खड़े हुए हैं। उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि, प्रशासन की छोटी चूक बड़ी घटना का रूप ले सकती है और एक बार फिर यहाँ एकड़ा गोलीकांड कांड की पूर्णावृर्ती हो सकती है । ज्ञात हो कि 2012 में यहाँ आउटसोर्सिंग में नियोजन के सवाल पर ढुल्लू व मंटू समर्थकों के बीच जमकर भिड़ंत हुआ था।उस वक्त गोली व बमबाजी की घटना में राजेश मल्लाह नामक युवक को गोली लगी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी।