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डा० भीमराव अंबेडकर झारखंड दलित समाज विकास समिति बैनर तले वनाधिकार कानून पर जन सुनवाई की गई

स्थानीय नावाडीह भेरवा स्थित सभागार में सोमवार को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर झारखंड दलित समाज विकास समिति के बैनर तले वनाधिकार कानून पर जन सुनवाई की गई। जनसुनवाई में गिरिडीह, दुमका, देवघर के दर्जनों प्रतिभागी शामिल हुए। विषय प्रवेश कराते हुए समाजकर्मी सावित्री ने कहा वनाधिकार के तहत 200 आदिवासी ,मूलवासी परिवार को लेकर काम चल रहा है ।गाँव में वनाधिकार समिति है लेकिन कागजों में सिमटा है ।वनाधिकार की जानकारी ग्रामीणों को पर्चा, फोल्डर ,प्रशिक्षण द्वारा दिया जा रहा है । पट्टा का आवेदन में त्रुटि के कारण आदिवासियों को पट्टा नहीं मिल रहा है। हमारे जमीन पर हमारा अधिकार के तहत ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है । मुख्य वक्ता पर्यावरणविद घनश्याम ने कहा जनसुनवाई में ग्रामीणों से पूरा विवरण आना चाहिए आधा दर्जन वनवासियों ने टुकड़े में अपनी बातें रखी । इससे साफ है कि वन विभाग के लोग अपनी जमीनदारी कायम रखना चाहते हैं । वनाधिकार कानून स्वतंत्र कानून होते हुए भी पूर्व के पंचायत राज कानून, पेशा कानून से जुड़ा है ।

वन अधिकार समिति के साथ ग्राम सभा फेडरेशन को मजबूत कर सकारात्मक हस्तक्षेप करना होगा। तभी प्रशासन से काम ले सकते हैं। राजस्व गाँव वाली गाँव नहीं किंतु बसाहट टोला जहाँ लोग मिल बैठकर गाँव के विकास की बात करते हैं। वह हमारा मौलिक गाँव है । स्वशासन और स्वावलंबन के लिए ग्राम सभा मजबूत करना जरूरी है कि पीढ़ी दर पीढ़ी जंगलों में रहने वाले आदिवासी ,मूलवासी परिवार के साथ तब के जमींदार, अंग्रेजी सरकार आजादी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों और अब कॉरपोरेट अन्याय किया है। अन्याय के खिलाफ संगठित होकर संघर्ष करना होगा अन्यथा करीब एक करोड़ वनवासियों को जंगल से भगा देने की पूरी तैयारी है। व्यवस्था को बदलने की लड़ाई लंबी है ।इस अवसर पर गिरिडीह के धरणीधर ,प्रदीप कुमार सिंह, शंकर दास ,सीमोती, अरुण निर्झर, प्रभु हंसदा, पूजा, जामताड़ा की अनुमति हेम्ब्रम ने अपनी बात रखी ।चंदन ने स्वागत गीत और संथाली गीत गाया। जनसुनवाई में लोरहाजोर के कारू ,गिरिडीह के जीवन हेम्ब्रम, सिकटिया निवासी फागू हेम्ब्रम, अंजली हेम्ब्रम ,जीतपुर गाँव के पतरस हेम्ब्रम ,जामताड़ा निवासी अनुमति हेम्ब्रम ने वनाधिकार कानून 2006 के तहत निजी तौर पर अपनी बातें रखी।

Last updated: मई 27th, 2019 by Ram Jha