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स्वास्थ्य कर्मियों की लड़ाई में नवजात शिशुओं पर लटकी तलवार, पेड़ के नीचे टीकाकरण पर सवाल

स्वास्थ्य कर्मियों की आपसी लड़ाई के कारण रूपनारायणपुर क्षेत्र के नवजात शिशुओं की भविष्य पर तलवार लटक चुकी है।  इस लड़ाई में प्रथम स्वस्थ्य कर्मी हेल्थ सेंटर के अंदर तो द्वितीय हेल्थ कर्मी पेड़ के नीचे नवजात बच्चों को टीकाकरण और ड्राप दे रही है।

पूरे प्रकरण में डब्लूएचओ मानक की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है और क्षेत्र के बीओएमएच से लेकर सीओएमएच घटना की मूकदर्शक बनी हुई हैं।

घटना रूपनारायणपुर पंचायत अंतर्गत पीठाक्यारी उपस्वास्थ्य केंद्र की है। गुरुवार को टीकाकरण कैम्प की तिथि निर्धारित रहने के कारण क्षेत्र की सैकड़ों माँ अपने नवजात शिशुओं को लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र पहुँची थी। हालांकि उसके पूर्व ही यहाँ कार्यरत दो स्वस्थ्य कर्मी में लड़ाई हो जाने के कारण स्वास्थ्य विभाग में दो फाड़ हो गयी।

प्रथम एएनएम उमा दास केंद्र के अंदर तो द्वितीयएएनएम रुमेली दास मुखर्जी रूपनारायणपुर पंचायत प्रांगण के पेड़ के नीचे कैम्प लगाकर बच्चों को टिका और ड्राप देने लगे। इधर घटना की सूचना मिलते ही पीठाक्यारी स्वास्थ्य केंद्र बीओएमएच डॉ०सुब्रतो सीठ मौके पर पहुँचकर घटना की जानकारी ली . उन्होंने खुले में टीकाकरण तथा वैक्सीन को नियम के विरुद्ध जताया।

दूसरी ओर द्वितीय एएनएम रुमेली दास मुखर्जी ने बताया कि प्रथम एएनएम उमा दास उनसे तथा मरीजों से निरंतर दुर्व्यवहार करती है। स्वस्थ्य केंद्र में गाली- गलौज और अभद्र भाषा का प्रयोग करती है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में पूर्व में बीओएमएच से शिकायत किया गया, किन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई।

मौके पर उपस्थित नवजात शिशुओं के परिजनों ने भी प्रथम एएनएम उमा दास के व्यवहार को गलत बताया और कहा कि कोई भी दुर्व्यवहार के कारण स्वस्थ्य केंद्र नहीं जाना चाहता है।

बीओएमएच डॉ०सुब्रतो सीठ ने सनसनीखेज बयान देते हुए कहा कि उमा दास को स्थानांतरित कर दिया गया था, किंतु रिश्वत के  बल पर उन्होंने अपना स्थान्तरण रुकवा लिया। उमा दास अपने पर लगाये जा रहे आरोप को निराधार बताया।

सीओएमएच ने दूरभाष पर कहा कि उन्होंने बीओएमएच से विभागीय कार्यवाही करने को कहा है।

पूरे प्रकरण में सभी अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है किंतु किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने के कारण क्षेत्र की नवजात शिशुओं पर अत्याचार और ख़तरे की तलवार लटक चुकी है। रूपनारायणपुर पंचायत प्रधान रानू रॉय ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी की लड़ाई के कारण नवजात शिशुओं के परिजन आगबबूला हो गए थे।

उन्होंने बीच-बचाव कर समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया। फिलहाल पूरे प्रकरण की जानकारी जिला चिकित्सा अधिकारी को दे दी गयी है।

Last updated: अक्टूबर 17th, 2019 by Guljar Khan