Site icon Monday Morning News Network

संयुक्त मोर्चा ने डेको कंपनी का किया चक्का जाम,दो तरफ से नारेबाजी से स्थिति तनावपूर्ण

लोयाबाद बाँसजोड़ा में संचालित आउटसोर्सिंग कम्पनी डेको कंपनी को संयुक्त मोर्चा ने दो सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम में जेएमएम के कोकिल महतो, जमसं के रामाशंकर महतो शंकर तूरी और आजसु के राजू रावानी सहित मृतक जानकी महतो की पत्नी भी शामिल थी। जैसे ही कम्पनी का चक्का जाम हुआ।कार्यरत कम्पनी के करीब 100 मजदूर चक्का जाम का विरोध करने लगे। और आजसु जिलाध्यक्ष मंटू महतो के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। दोनों तरफ नारेबाजी होने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। लोयाबाद पुलिस जिला के अतिरिक्त बल के साथ उत्खनन स्थल पहुँच गए और हालात को काबू में किया। ज्ञात हो कि चक्का जाम करने वाले दल ने मृतक जानकी महतो के आश्रित को नियोजन मुआवजा एवं 20 दिन की जगह 26 रोज की काम और हाजरी मांग को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी।

मृतक की पत्नी के मांग से सभी सहमत

मृतक जानकी महतो के आश्रित के नियोजन पर सभी मजदूर सहमत थे। लेकिन 26 दिन हाजरी पर राय बटते हुए नजर आया। बन्द का विरोध कर रहे मजदूरों का साफ कहना था कि दुर्गापूजा दीवारी छठ करीब है। अगर कम्पनी काम हमेशा की लिए काम बन्द कर दिया तो सभी मजदूर भूखे मर जायेंगे। समाचार लिखे जाने तक कम्पनी का काम बन्द है। हालांकि आंदोलनकारी आउटसोर्सिंग स्थल से जा चुके हैं। मजदूर काम शुरू करने इंतजार में है। लेकिन कम्पनी आदेश नहीं दे रहा है।


नुकसान में चल रही कम्पनी: अरबिंद

कम्पनी के अरविंद चौधरी ने कहा कि मृतक जानकी के परिवार से कम्पनी को सहानुभूति है। उस पर विचार किया जाएगा। लेकिन 26 दिन की हाजरी और काम सम्भव नहीं है। मजदूर अधिक है और कम्पनी के पास काम कम है।ऐसे में कम्पनी मजदूरों का वेतन पूरा नहीं कर सकेगा। कहा काम बन्द हुआ तो कम्पनी नो वर्क नो पर का नोटिस लगा देगा। ज्ञात हो कि जानकी महतो कम्पनी का मजदूर था। बीमारी के वजह से जनवरी 2021 में उसकी मौत हो गई। वेतन मामले में कम्पनी नुकसान का हवाला देकर सभी मजदूरों का हाजरी 14 दिन कर दिया था। सभी नेताओं और मजदूरों के विरोध के बाद 41 दिन कम्पनी बन्द रही। तब कम्पनी के मजदूरों के समक्ष खाने के लाले पड़ने लगे थे। बाद में 20 दिन पर समझौता हुआ। अब 26 दिन की हाजरी की मांग किया जा रहा है। जिसमें कम्पनी के तीन दर्जन से अधिक मजदूर शामिल है। इस समय कम्पनी के पास कुंल करीब 270 मजदूर यहाँ काम कर रहे हैं।


कोकिल महतो से मुआवजे की मांग

इधर ग्रामीण नेता रामेश्वर तूरी ने कहा कि मृतक जानकी महतो कम्पनी के मजदूर से पहले कोकिल महतो के इट भट्टे का पूरा काम सम्भला करता था। कोकिल महतो को जानकी के परिवार से सहानभूति दिखाकर दस लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए। असल मुआवजे का देनदार कोकिल महतो है।

Last updated: सितम्बर 13th, 2021 by Pappu Ahmad