लोयाबाद भूख के आगे कुछ नजर नहीं आता साहब कि हम जुर्म कर रहे हैं । कोरोना काल में रोजगार छीन गया, घर में खाने को कुछ नहीं है। बच्चे भूख से बिलख रहे हैं । पेट भरने के लिए जमीन खोदकर बालू, पुरानी ईंट,कोयला बिक्री करते हैं तो पुलिस पकड़ती है। आखिर जाए तो जाएं कहाँ। ये दास्तां है घरों में हाउस मेड के रूप में काम करने वाली महिलाओं का।
65 वर्षीय सुशीला देवी, चरकी देवी , क्रांति देवी, शांति देवी अपनी दुःखड़ा सुनाते हुए कहा कि घरों में बर्तन पोछा करके गुजारा करती थी। मालिक लोग कोरोना फैलने के डर के वजह आने से मना कर दिया, पगार भी बन्द कर दिया।। कुछ मजदूरी करने धनबाद शहर जाते थे , ऑटो का किराया महँगा हुआ तो नहीं जा पा रहे , कुछ बाँसजोड़ा लोकल में ट्रक लोडिंग का मजदूर थे , वहाँ भी मशीन लोडिंग हो रहा। इस प्रकार सैकड़ो लोगों के समक्ष फांकाकशी की समस्या उत्पन्न हो ज्ञी है। अब इसमें कुछ लोग कोलियरी क्षेत्र में जमीन खोदकर पुरानी ईंट, बालू,व कोयला निकाल कर बेच रहे हैं और उसी से गुजारा करने पर विवश हैं।
65 वर्षीय सुशीला देवी ने बताया कि यही थोड़ा बहुत बेचकर गुजारा कर रहे हैं तो पुलिस पकड़ती है। बेबसी का रोना रोते हुए कहा कि अब खुदकुशी के अलावे कोई चारा नहीं है।
ज्ञात हो कि पुलिस वहाँ गुरुवार को छापा मारा था। महिलायेंं लोयाबाद चैंबर के सचिव सुनील पांडेय के पास शुक्रवार की सुबह पहुँचकर मदद की फरियाद की। महिलायें काम की जुगाड़ और पुलिस से दया की गुहार लगाई।