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महीनों से बेरोजगार 62 प्रवासी मजदूर काम के तलाश में तमिलनाडु रवाना

लोयाबाद छः महीने से बेरोजगार व काम के तलाश में भटकने के बाद प्रवासी मजदूर फिर वापस लौटने को मजबूर हो गए हैं। इसमें बिहार के नवादा व सुपौल सहित लोयाबाद के करीब 62 मजदूर शामिल है। सभी मजदूर तमिलनाडु जा रहे हैं। दो बसों की मदद से करीब 2700 किलोमीटर की दूरी तय कर ये सभी मजदूर सिविल कंस्ट्रक्शन के काम करने सोमवार को रवाना हुए।हालांकि इसमें कुछ महिला मजदूर भी शामिल है जो वहाँ धागा बनाने का काम करती है। प्रवासी मजदूरों के इस जत्था में कुछ ऐसे मजदूर परिवार है। जिनके पूरी फैमली प्रदेश जाने में शामिल है। लोयाबाद 20 नंबर के रहने वाले महेश भुइंया उसकी पत्नी गुड़िया देवी व उसकी बेटी संजू देवी इस प्रवासी मजदूर में शामिल है।

लोयाबाद के जाने वाले करीब 22 मजदूर में अधिक्तर महिलायेंं हैं। इन महिलायें को रोजना 500 रुपये मजदूरी एवं रहने की व्यवस्था दी जाती है। परुष मजदूरों को रोजाना 600 रुपये हाजरी मिलती है। इन सभी मजदूरों की अगुवाई करने वाले बिहार नवादा के अमरनाथ कुमार ने बताया कि करीब 8 साल से तमिलनाडु में मज़दूरी का काम करते है। सभी लोग लॉकडाउन में घर वापस आ गए थे। छः महीने से अपने इलाके में भटकते रहे कोई काम नहीं मिला, मिला भी तो 200 रुपए की हाजरी,जिससे परिवारों का पेट पालने में मुश्किल हो रहा था। 62 मजदूरों के इस जत्था में अधिकांश मजदूर युवा एवं कम उम्र के थे। इस सभी युवाओं के कांधो पर अपने परिवार का पेट पालने की जिम्मेदारी साफ झलक रही थी।

एक तरफ ये सभी मजदूर काम पर वापस जाने की खुशी में थे,पर दूसरी तरफ परिवार से बिछड़ने पर मायूस भी थे। मजदूर कह रहा था कि अगर राज्य सरकार इन मजदूरों को काम देता तो आज वापस नहीं जाना पड़ता। कम्पनी ने एक बस का किराया करीब दो लाख रुपये अदाकर सभी को लेजाने के लिए दो बसों का इंतजाम किया है। बस के किराए का आधा रकम मजदूर से बाद में कटौती की जाएगी। बिहार के सुपौल व नवादा के अमरनाथ कुमार, महादेव मुखिया, मंजय कुमार, कृषणा मुखिया, धर्मेंद्र मुखिया, भुनेश्वर कुमार, शत्रुध्न कुमार, शीतो कुमार व लोयाबाद 20 नंबर के गुड़ी देवी, 55 संजू देवी 35, महेश भुइयाँ दिलीप नोनिया रवि भुइयाँ शुकु भुइयाँ नंदू भईया आदि लोग शामिल थे।

Last updated: सितम्बर 21st, 2020 by Pappu Ahmad