धनबाद। झारखंड सरकार द्वारा लगाए गए 2% शुल्क के विरोध में कृषि बाजार का आंदोलन महंगाई की आग में घी की तरह असर डालने वाला है. 16 मई से आवक ठप कर दिया गया है. अगले 2 दिनों में इसका असर धनबाद के बाजारों में दिखने लगेगा. बाजारों में फलों और हरी सब्जी की किल्लत हो जाएगी. जानकारी के अनुसार कृषि बाजार के पास अगले 2 से 3 दिनों का ही स्टॉक बचा है।
15 दिन बाद खाद्यान्नों का मिलना भी दूभर
खत्म होने के कगार पर खाद्यान्न का स्टॉक बरवा अड्डा स्थित कृषि बाजार समिति के कारोबारियों ने नया ऑर्डर देना बंद कर दिया है. आवक बंद होने के बाद खाद्यान्न का स्टॉक लगभग 15 दिनों का बताया जा रहा है. अगर थोक व्यापारियों का आंदोलन जारी रहा तो खाद्यान्न का मिलना दूभर हो जाएगा। जानकारी देते हुए विकास कंधवे ने बताया कि आवक बंद होने के बावजूद मंडी से कारोबार जारी रहेगा. गोदाम में जो भी स्टॉक है, मंडी में उपलब्ध कराया जाएगा. खरीद बिक्री होगी. हमारा मकसद आम जनता को परेशान करना नहीं. आंदोलन सरकार के खिलाफ है।
सप्ताह भर में होगा आलू प्याज का स्टॉक खत्म
सब्जी कारोबारी विजय साव के अनुसार सब्जियों का अधिक स्टॉक नहीं रखा जाता है. दो दिन में ही हरी सब्जी और फल सड़ने लगते हैं. इसलिए हड़ताल के दो से 3 दिन के भीतर सब्जी और फलों का स्टॉक जवाब दे देगा, आलू-प्याज का स्टॉक भी सप्ताह भर से ज्यादा का नहीं है।
आम लोग कर रहे राशन का स्टॉक कृषि बाजार के आंदोलन की बात शहर में आग की तरह फैल गयी है. आम लोग खाद्यान्न का स्टॉक करने में जुट गए है. आवक ठप होने की खबर सुन उपभोक्ता सुनील श्रीवास्तव घर का राशन खरीदने दुकान पहुंचे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया और आंदोलन लंबा चला तो बाज़ारों में कालाबाज़ारी बढ़ेगी. इसीलिए वह घर के लिए राशन जमा कर रहे हैं।
लोकल सब्जी के भाव होंगे दुगने से अधिक अन्य राज्यों से आवक बंद होने पर धनबाद में हरी सब्जियों की भारी किल्लत होने की संभावना है. पूरा धनबाद अब लोकल सब्जियों पर निर्भर होगा. आसपास के इलाके से शहर आने वाली सब्जियों की कीमत आसमान छूएगी. असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा. पहले से ही महंगाई में आग लगी हुई है और अब सरकार के रवैये और व्यवसायियों के आंदोलन का भुगतान भी आम जनता को ही करना पड़ेगा।
रिटेल दुकानदारों से बाजार समिति की अपील समिति के महासचिव विकास कंधवे ने रिटेल दुकानदारों से मुनाफाखोरी नहीं करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि आंदोलन सरकार के खिलाफ है ना कि आम जनता के विरोध में. इसलिए ख्याल रखें कि जन साधारण को कोई परेशानी न हो. उन्होंने कहा है कि रिटेल दुकानदार अगर मुनाफाखोरी करते हैं तो उसका समर्थन बाजार समिति कतई नहीं करेगी.