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सिंदरी में निर्माणाधीन खाद कारखानें पर भाजपाइयों का दबदबा, भ्रष्टाचार का बोलबाला

भाजपा का  बोलबाला, बाकी सब गड़बड़झाला पर, हकीकत जुदा

धनबाद। भाजपा का बोलबाला, बाकी सब गड़बड़झाला, यह जुमला भाजपाईयों के द्वारा प्रचलन में है। पर, हकीकत जुदा है। विश्वास नहीं हो रहा तो धनबाद कोयलाञ्चल के सिंदरी में आकर देखें। सिंदरी में निर्माणाधीन हर्ल के खाद कारखाना के मुख्य प्लांट निर्माण में भाजपा और भाजपा समर्थकों का बोलबाला है। यहाँ बाकी सब नहीं केवल भाजपाईयों का ही गड़बड़झाला है। हिंसक वारदातों का सूत्रपात भी भाजपाई ही हैं। अगर आप भाजपाई हैं, चाटुकार या कनफूकवें हैं तो आपको ठेकेदारी, रिटार्यड होने की उम्र में नौकरी, बिना लाइसेंस के सुरक्षा की जिम्मेवारी, ठेकेदारी समेत सबकुछ मिल जाएगा। जातिवाद का भी भरपूर बोलबाला है। साथ ही एफसीआइ के कफ़न तक बेचने वाले एक बार फिर जोश से लबालब है क्योंकि उन्हीं की तो चलती है। रोजगार स्थानीय को देने का वादा पर नौकरी बेगुसराय, चतरा, बोकारो, चास, चंदनकियारी समेत विभिन्न स्थानों के श्रमिकों को दी जाती है। इसका दोहरा फायदा, मजदूरी कम देना और जबावदेही से बचना।

नव निर्माणाधीन खाद कारखाना प्रोजेक्ट पर कनफुकवें और चाटुकारों की नजर

कनफूकवें और चाटुकारों इस कदर नव निर्माणाधीन खाद कारखाना प्रोजेक्ट पर गिद्ध आँखें लगा दिया है कि सभी नियम और प्रावधान ताक पर है। जबकि देश के पीएम नरेन्द्र मोदी का सिंदरी हर्ल प्रोजेक्ट महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्टों में सुमार है। आगामी 2019 चुनाव में भाजपा धनबाद लोकसभा और विधानसभा का चुनाव सिंदरी हर्ल खाद कारखाना के बूथ जीतना चाहती है। इसके लिए प्रयास भी जोरों पर है। लेकिन, यह संभव नहीं दिख रहा। कारण, स्पष्ट है कि प्रोजेक्ट निर्माण में सिंदरी विधानसभा के लोगों को न तो नौकरी दी जा रही है और न ही रोजगार-व्यापार। यह सभी कनफूकवें, चाटुकार और विशेष कृपा पात्र व्यक्ति को सौंप दिया गया है। परिणाम, घास काटने के लिए टेंडर में भी घूस की मांग होती है। और नहीं देने पर वर्क ऑर्डर नहीं दिया जाता। ऐसे उदाहरण ही उदाहरण हैं जो पिछले आठ महीने से बाखूबी चर्चा में है और कौशल प्रशिक्षित बेरोजगार युवा दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर है।

निर्माणाधीन खाद कारखाना में लगे कंपनी को सप्लाई का काम भाजपा कर रही

निर्माण कार्य में लगे कंपनियों को सप्लाई में जेनरेटर से लेकर सुई तक भाजपाई दे रहे। रोजगार में बोकारो और चंदनकियारी के युवा को ठेकेदारी में बिहार-यूपी समेत देश के विभिन्न भागों के दबंगों का बोलबाला हैं और केन्द्रीय श्रम विभाग, जिला प्रशासन की कुंभकरनी निंद साफ बयाँ करती है कि गड़बड़झाला कौन कर रहा है। और तो और लाइसेंस हो या न हो सेक्यूरिटी का जिम्मा पहले दी जाती है लाइसेंस बाद में बनता है। नास्ता-भोजन लोकल रेस्टुरेंट से लेकर चार्ज हाई प्रोफाइल होटल की। टाउन अंधकार में, पानी की किल्लत और बोलबाला की लोगों को बसाने का काम, रोजगार देने का काम किया जा रहा है।

नये खाद कारखाना का काम फ्रांस की कंपनी टेक्नीप को सौंपी गई

बता दें कि सिंदरी हर्ल के नये खाद कारखाना का काम फ्रांस की कंपनी टेक्नीप कर रही है। 7 हजार करोड़ की लागत से कारखाने के पुनरुद्धार कार्य का शिलान्यास 25 मई 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। पुराने कारखाने की 90 प्रतिशत जमीन का समतलीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है।

2020 तक पूरी हो जाएगी यूरिया का उत्पादन करने वाली कारखाना का निर्माण

नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन करने वाली कारखाना का निर्माण 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं मई 2021 तक यहाँ यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा। खाद कारखाना में 1500 स्थाई कर्मचारियों के अलावे 10 हजार लोग अलग-अलग स्तर से कार्यरत होंगे। हर दिन 3850 टन नीम कोटेड यूरिया खाद का उत्पादन होगा। नई तकनीक और विश्वस्तरीय सुरक्षा के मानक को ध्यान में रखकर गैस आधारित खाद कारखाना की शुरूआत की गयी है। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड हर्ल द्वारा विगत 16 वर्षों से बंद पड़े सिंदरी के एफसीआइ खाद कारखाना को चालू किया जाएगा।

भारत सरकार ने देश की तीन महत्त्वपूर्ण कंपनियों को सौंपी हैं चालू करने के जिम्मेवारी

भारत सरकार ने देश की तीन महत्त्वपूर्ण कम्पनियों को चालू करने की जिम्मेवारी सौंपी हैं जिसमें एनटीपीएस, आईओसीएल, कोल इंडिया के साथ एचएफसीएल शामिल हैं। इन तीनों को मर्ज कर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के हवाले खाद कारखाना को किया गया है।

हर्ल के सिंदरी ईकाई के वरीय महाप्रबंधक मुकेेेशचन्द्र कर्ण ने बताया है कि फास्ट टैर्क प्रोजेक्ट के तहत इस कार्य को तीन साल में पूरा किया जाना है। शुरुआती दौर में जापान की टोयो, जर्मनी की थाई सेन तूप, फ्रांस की टेक्नीप के साथ एलएनटी कम्पनी द्वारा सिंदरी खाद कारखाना का निरीक्षण किया गया था। जिसके बाद फ्रेंच कम्पनी टेक्नीप को 7 हजार करोड़ में काम दिया गया है। वरीय महाप्रबन्धक कर्ण ने बताया है कि खाद कारखाने के निर्माण की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। पानी की व्यवस्था, टोपोग्राफी, प्रदूषण सहित अन्य जाँच पूरी की ली गई है।


संवाददाता : देवा 

Last updated: जनवरी 20th, 2019 by Pappu Ahmad

Pappu Ahmad
Correspondent, Dhanbad
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