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अनियंत्रित हो रही कुनुस्तोरिया कोलियरी में लगी आग

रानीगंज। इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के तहत चलने वाली कुनुस्तोरिया कोलियरी में लगी आग आज शाम लगभग 4:00 बजे अनियंत्रित हो गई । प्रबंधन ने कार्यरत कर्मी श्रमिकों को तत्काल खान से बाहर निकाला। दूसरी ओर प्रबंधन के खिलाफ श्रमिक संगठन के सदस्यों के साथ-साथ खान श्रमिक उत्तेजित हो उठे। उनका आरोप है कि प्रबंधन ने सुनियोजित तरीके से इस खान को बंद करना चाह रही है।

आरोप है कि श्रमिकों को अंधकार में रखकर वास्तविकता से दूर रखने का प्रयास करते रहे। आज एकाएक प्रबंधन हम लोगों से सहयोग की बात कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पिछले 3 दिनों से खान में कार्बन मोनोऑक्साइड अर्थात गैस रिसाव-तापमान में वृद्धि को देखते हुए प्रबंधन ने अपने स्तर पर स्टॉपिंग लगाना प्रारंभ किया। महाप्रबंधक एसके कुंडू के मुताबिक हम लोगों ने गैस रिसाव के रास्ते में तीन स्टॉपिंग वाल लगा दिया है । इसके बावजूद भी गैस रिसाव के साथ-साथ मीथेन गैस का प्रमाण भी थोड़ा अधिक देखी गई इसलिए हम लोगों ने श्रमिकों की सुरक्षा को देखते हुए सभी श्रमिकों को बाहर निकाल दिया और खान के अंदर रेस्क्यू विभाग के एक कर्मी अपने तरह से काम कर रहे हैं।

खान श्रमिक सुनील कुमार नोनिया एवं शिशिर मंडल ने बताया कि हम लोगों ने पिछले 1 सप्ताह से इसकी सूचना मैनेजर एजेंट स्नेहशीष मुखर्जी को दिया था लेकिन वह इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। इतना ही नहीं पिछले 3 दिनों से भी प्रबंधन हम लोगों को गुमराह करके उत्पादन क्षेत्र में काम करवाने लगे जबकि जरूरत था कि हम सब श्रमिकों को लेकर खान सुरक्षा पर विशेष रूप से कार्य की जाएं।

सूत्रों का आरोप है कि स्टॉपिंग वालों को बनाने के लिए प्रबंधन काॅन्ट्रैक्टर की सहायता से काम कर रहे थे और बहुत ही लापरवाही तरीके से काम करवा रहे थे। जबकि एक से बढ़कर एक खान श्रमिक अनुभव प्राप्त यहाँ हैं। काॅन्ट्रैक्टर राजेश मंडल ने बताया कि हम लोग मात्र 25 कर्मी काम करके तीन स्टॉपिंग वालों को बनाया जबकि खान के तमाम श्रमिकों का सहयोग हम लोगों को मिला होता तो यह काम बहुत ही आसानी से पूरी कर ली जाती।

खान पर मौजूद खान श्रमिक संगठनों की ओर से सोहराब अली ने बताया कि 24 नवंबर 2009 को इसी प्रकार से खान में गैस का रिसाव हुआ था, अनदेखी की गई थी और खान में भयावह आग लग गई थी श्रमिक संगठनों के दवाओं पर 3 वर्ष के बाद इस खोली गई । यहाँ से प्रत्येक दिन 500 टन कोयले का उत्पादन होता है। पूरे देश में यहाँ की कोयला की मांग है इतना अधिक उत्तम को कोटि का यहाँ का कोयला है । यहाँ वर्तमान में भी 2,000 से अधिक श्रमिक काम करते हैं। आज उनका भविष्य अंधकार में दिख रहा है, क्योंकि कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई भी सक्रिय योजना खान में लगी आग को बुझाने के लिए नहीं कि जा रही है। खान का सर्वेक्षण यह पता लग रहा है कि खान की स्थिति अच्छी नहीं है। पिछले दिनों यहाँ हुए खान दुर्घटना की तरह ही यहाँ स्थिति देखने को मिल रही है।

Last updated: अक्टूबर 11th, 2020 by Raniganj correspondent