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ममता से सीखे नेतृत्व क्षमता – उलेमा बोर्ड

पत्रकार सम्मलेन में अटल जी को श्रद्धांजलि देते उलेमा बोर्ड के लोग व अतिथिगण

कोलकाता -ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने शुक्रवार की संध्या कोलकाता प्रेस क्लब में पत्रकार सम्मलेन का आयोजन कर आरएनएस और वक़्फ़ संपत्ति को केंद्र सरकार द्वारा करयुक्त किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई. कार्यक्रम की शुरूआत में संगठन नेताओं व उपस्थित अतिथियों ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपई को श्रद्धांजलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखा. मौके पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सचिव आदि उपस्थित थे. इस दौरान संगठन (वक्फ़) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेख गुलाम रब्बानी ने बताया कि असम के चालीस लाख भारतीय नागरिकों को घुसपैठिये करार दे दिया गया है, उन लोगों के साथ उनका परिवार भी है यानि ये संख्या और भी अधिक हो सकती है.

उन्होंने कहा कि उलेमा बोर्ड इसका विरोध करता है और आवश्यकता अनुसार वृहद् आंदोलन भी किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वक़्फ़ संपत्ति पर सरकार द्वारा टैक्स लगाने की बात कही जा रही है, जबकि भारतीय संविधान के मुताबिक धार्मिक संपत्तियों में कर नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि इन संपत्तियों से कोई कारोबार या आय का मामला नहीं जुड़ा हुआ है, इसलिए इसपर टैक्स लगाना असंवैधनिक बात होगी. मौके पर उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष बनानी हासनी के अलावा कारी कमरे आलम, फ़तेह आलम, फादर इन्द्रो, अरुण ज्योति भीखू, तृणमूल यूनियन की निलोफर, नीतू जी, बच्चा सिंह आदि समेत काफी संख्या में संगठन के लोग उपस्थित थे.

सभी ने एक स्वर में केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया और कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरे बंगाल में सौहार्द कायम कर राज्य को चला रही है,यहाँ किसी भी वर्ग या समुदाय से किसी को कोई परेशानी नहीं है, सभी मिलजुल कर रहते है. इसके अलावे राज्य में चारों ओर विकास के कार्य हो रहे है. उन्होंने कहा कि जिस तरह ममता बनर्जी राज्य को चला रही है, उसी प्रकार मोदी जी देश को चलाने में क्यों अक्षम हो रहे है.

Last updated: अगस्त 18th, 2018 by News Desk