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चयकला नाली विवाद में नौ पुलिस सहित दो दर्जन लोग घायल, नहीं हुई केस, पुलिस पर पथराव व मारपीट के बाद पुलिस कार्यवाही में उदासीनता

चौपारण प्रखंड के मुस्लिम बाहुल्य दुलाशाह बाबा की नगरी चयकला में नाली विवाद में दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष की जानकारी पर घटना स्थल पर शुक्रवार को पुलिस पहुँची। घटना स्थल पर मामले की जानकारी, सुरक्षा और बचाव के लिए थाना के एएसआई गणेश हंसदा, अजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में चालक रवि कुमार पासवान ने पुलिस वाहन में छह जवानों को साथ लेकर पहुँचा। नाली विवाद के मामले में दो गुटों के बीच पथराव हो रही थी। इसी का आड़ में कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस को निशाना बनाकर पथराव करने लगे। पथराव के कारण पुलिस वाहन तो क्षति हुई, साथ ही एएसआई गणेश हंसदा, अजय कुमार मिश्रा, चौकीदार सह चालक रवि कुमार पासवान, पुलिस जवान नेमत खान, पप्पू कुमार महतो, दिलेश्वर कुमार, जितेंद्र सोरेन, मृत्युंजय महतो, भूदेव मांझी घायल हो गए। सभी घायल पुलिस का सामुदायिक अस्पताल में इलाज कराया गया। घायल जवान आज भी चोट का दर्द महसूस कर रहे है। घटना की जानकारी मिलते ही बरही डीएसपी नाजिर अख्तर, इंस्पेक्टर रोहित सिंह घटना स्थल पर पहुँच कर दोनों गुटों को शांत कर गाँव में फ्लैग मार्च करते हुए 24 घंटे जवानों को तैनात कर मामला शांत किया। लेकिन उदासीन प्रशासन द्वारा नाली विवाद में खूनी संघर्ष के बाद कोई कानूनी कार्यवाही नहीं किया गया। इतना ही नहीं दो एएसआई, छह जवानों तथा चालक सह चौकीदार पर पथराव की घटना का मामला भी दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में क्षेत्र में असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ने लगा और पुलिस का मनोबल गिरने लगा है। इस मामले में उच्च अधिकारियों द्वारा की जा रही उदासीनता को लेकर एएसआई तथा जवानों में असंतोष बढ़ रही है। एक ओर घायल एएसआई और जवानों का दर्द बढ़ रही है, इस संबंध में बरही डीएसपी ने कहा कि चयकला में आपसी मामला और दोनों रिस्तेदार है। दोनों में समझौता हो रही है। घटना स्थल पर गई एएसआई तथा जवान दोनों तरफ के पथराव से हल्की चोटें लगी है।

चयकला में पुलिस पर पथराव पहली घटना नहीं : जानकारी हो को उच्च अधिकारियों की दोहरी नीति, उदासीनता के कारण पुलिस को कई बार असामाजिक तत्वों का कोपभाजन बनना पड़ता है। इसके पहले चयकला में 10 अक्टूबर 2018 को बकरी द्वारा धान खेत में घुसने को लेकर हुई विवाद और दो गुटों के बीच पथराव में पुलिस को ही निशाना बनाया गया था। असामाजिक तत्वों ने पीसीआर वैन से घटना स्थल पहुँचे तत्कालीन एएसआई सुबोध कुमार सिंह और दयानंद सरस्वती को निशाना बनाकर पथराव किया गया था। इस घटना में एएसआई और पुलिस जवान घायल हुए थे। उस समय भी वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं किया गया। बताया गया कि यदि स्थानीय प्रशासन का असामाजिक तत्वों के बीच मनोबल गिराया गया तो क्षेत्र में असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ेगा और क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ेगी। आने वाले दिनों में प्रशासन के लिए असामाजिक तत्व सरदर्द बन सकता है।

Last updated: जनवरी 1st, 2022 by Aksar Ansari