आसनसोल: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी (INTTUC) के नेता राजू अहलूवालिया के नेतृत्व में आज टोटो और ई-रिक्शा चालकों ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कथित धांधली और आरटीओ की मनमानी के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन किया। अहलूवालिया ने राज्य सरकार के टोटो और ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन के फैसले का स्वागत किया, लेकिन आरटीओ दफ्तर द्वारा की जा रही कार्रवाई की कड़ी निंदा की।
प्रमुख आरोप और मांगे
1. रजिस्ट्रेशन से पहले वाहनों को पकड़ना:
राजू अहलूवालिया ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 30 नवंबर बाकी होने के बावजूद, विभिन्न इलाकों में आरटीओ दफ्तर द्वारा टोटो और ई-रिक्शा चालकों को पकड़ा जा रहा है। उन्होंने इसे गैर-जरूरी और मनमानी बताया।
2. निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक की मांग:
अहलूवालिया ने सवाल उठाया कि जब राज्य सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ ₹1000 की राशि तय की है, तो टोटो और ई-रिक्शा चालकों से ₹15,000 से ₹17,000 तक क्यों मांगे जा रहे हैं।
उन्होंने तीखा सवाल किया, “आखिर इतना पैसा किसकी जेब में जा रहा है?”
3. आरटीओ दफ्तर का गैर-जिम्मेदाराना रवैया:
उन्होंने आरोप लगाया कि जब टोटो चालक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जानकारी लेने आरटीओ दफ्तर जा रहे हैं, तो उन्हें टोटो के शोरूम में जाकर बात करने के लिए कहा जा रहा है।
अहलूवालिया ने स्पष्ट किया कि रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार सिर्फ आरटीओ दफ्तर को है, न कि शोरूम वालों को, और यह प्रक्रिया चालकों को परेशान कर रही है।
मंत्री को दी जाएगी जानकारी, भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
राजू अहलूवालिया ने कहा कि वह इस पूरे मामले की जानकारी जल्द ही स्थानीय मंत्री मलय घटक को देंगे।
उन्होंने सख्त लहजे में अपनी मुख्य मांगे रखी:
भ्रष्ट आरटीओ अधिकारियों के खिलाफ या तो कड़ी कार्रवाई की जाए या उनका तबादला किया जाए।
टोटो और ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ दफ्तर में 24 घंटे के अंदर एक अलग काउंटर खोला जाए, ताकि चालकों को राहत मिल सके और प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
इस विरोध प्रदर्शन से यह साफ है कि रजिस्ट्रेशन की सरकारी पहल के बावजूद, जमीनी स्तर पर चालकों को बड़ी समस्याओं और कथित भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ रहा है।

